Tuesday, 7 July 2020
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जीवन की हरियाली जरूरी है-चाँदनी झा
वन है तो हम हैं यह हमारे जीवन का सार्थक वाक्य है । वन का नाम सुनते हीं चारों और सिर्फ पेड़ ही पेड़ और हरियाली ही हरियाली का एहसास होता है और यही हरियाली हमें जीवन देती है। जिंदगी में पेड़ों और वनों की महत्ता इतनी है कि "मतलब जिंदगी भी दुनियाँ की हरियाली के बाद आती है"। अर्थात, इस जहाँ में पेड़ नहीं होते तो जीवन भी नहीं होता। हमें ऑक्सीजन से लेकर अन्य सभी आवश्यक संसाधन पेड़ -पौधों से ही प्राप्त होता है। विश्व के 30% भूमि क्षेत्र पर वन है। वन धरती के सबसे प्रमुख स्थलीय परितंत्र भी है।
मनुष्य जीवन का आरंभ वन से ही हुआ है। जब मानव जंगलों में रहता था, प्रागैतिहासिक काल में, जंगल से ही "रोटी कपड़ा और मकान" की पूर्ति हो जाती थी। गुफाएँ, कंदराएँ, चट्टानें, लकड़ियां, घास, जंगली जानवर, ऊँचे- ऊँचे पेड़ वनों से प्राप्त हरियाली, पेड़ों के पत्ते, छाल यही जिंदगी का हिस्सा था और यही प्रकृति। यही हरियाली हमारे विकास में सहायक बनी। हमारी सृष्टि का आधार वन, वनों से यह दुनियाँ तो क्यों न हम इस वन के कारण दुनियाँ का एक हिस्सा बन पाए हैं? उसी वन को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा बनाएँ । आप कल्पना करें कि आप ऐसे जगह पर हैं जहाँ पेड़-पौधे, झरने, हरियाली है तो कैसा महसूस होता है? ताजगी, असीम उर्जा, अद्भुत शक्ति है कि नहीं। उसके विपरीत हम यदि ऐसी जगह जो हरियाली रहित हो, जल की कमी न हो, सिर्फ सूखा ही सूखा हो, यह सोचकर भी डर लगता है न? तो जब हरियाली हमारे हाथ में है तो क्यों हरियाली के लिए तरसे हम? "हरियाली हाथ है, इसलिए हरियाली साथ है"।
बागवानी उगाएँगे, वन को और उन्नत बनाएँगे ।
यही वन जो हमारे जीवन का आधार है उसके लिए सिर्फ लिखने से नहीं होगा। हमें अपने परिवार की तरह वनों की रक्षा करनी होगी क्योंकि जिस तरह जनसंख्या रफ्तार से बढ़ती जा रही है, क्षेत्रफल तो बढ़ नहीं रहा इसलिए कम से कम जो वन क्षेत्र हैं उसे कम न होने दें । पुराने पेड़ काटे तो नए पेड़ लगाएँ। जीवन में वनों की महत्ता को समझते हुए इस प्राकृतिक संसाधन को जितना उन्नत बनाएँगे, हमारी जिंदगी उतनी ही हरी-भरी रहेगी क्योंकि मृदा संरक्षण हो या शुद्ध हवा, जानवरों का वास हो या जल चक्र से लेकर सौंदर्य की बातें हमें लाभ पहुँचाता है वन। इसके संरक्षण के लिए चिपको आंदोलन एक मिसाल है। और हम ऐसे ही आंदोलन और अपने आप को पेड़ों से जोड़कर इसकी रक्षा करें।
कहते हैं धरा यदि हो हरा
जीवन होता आसान,
वनों से हम हैं हमसे है यह जहान।
हरियाली हमें ललचाती है
प्रकृति प्यार सिखाती है ।
जल, हवा, मृदा का करो सम्मान
इसे बचाना है कहता है हमारा संविधान।
हरियाली का न हम सिर्फ गीत गाएं
हरी-भरी हो धरती आओ पेड़ लगाएँ।
वन जंगल बिपिन कानन
सुलभ करता सबका जीवन।
जीवों को मिलता घर
फर्नीचर औषधि और वनचर।
हम रह नहीं सकते प्रकृति के बिना
वन के बिना उपवन के बिना।
फूल झरने लताएँ प्रकृति के सौंदर्य श्रृंगार
इस तरह जंगल, पेड़-पौधे, पहाड़, झरने, जीव, वनस्पतियां, नदियाँ, भूमि इत्यादि जो प्रकृति से निःशुल्क प्राप्त हुआ है। अत्यंत ही अनमोल है जीवन के लिए। स्वास्थ्य की पहली प्राथमिकता- शुद्ध वातावरण, स्वच्छ वायु, साफ जल जो सीधे प्रकृति में मौजूद है और हमारे क्रिया-कलापों से प्रदूषित हो चुकी है जिससे जीवन भी प्रदूषित हो रहा है। हम अपनी जिंदगी की रफ्तार को कम कर के, संसाधनों का सीमित उपयोग करके जीवन को हरा-भरा रख सकते हैं। जीवन की हरियाली के लिए हम शपथ लें वन और पेड़ों की रक्षा करेंगे।
चाँदनी झा
मध्य विद्यालय बिहमा
तारापुर, मुंगेर
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जीवन की हरियाली जरूरी है-चाँदनी झा
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बहुत ही सुन्दर आलेख
ReplyDelete🌴🍀🎄🌴🍀🎄☘️💐🙏🙏
ReplyDeleteबहुत-बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आलेख💐💐
ReplyDeleteप्रशंसनीय प्रस्तुति
ReplyDelete💐💐💐💐💐
हरियाली से ही खुशहाली है
ReplyDelete🌳🌲🎄🌵🌴🌱🌿☘🍀🎍🎋🍃
बहुत सुंदर आलेख 🙏
ReplyDeleteSuperb,👌👌👌💐💐
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आलेख है। वाकई हरियाली में ही प्रसन्नता व सुन्दरता है।
ReplyDeleteजी धन्यवाद सर🍀🌴🎍🎄☘️💐
DeleteJis prakar pedon se bag bagiche samridh hote hai.waise hi shabdon ke sundartam prayog se aapki bhashai kaushal bhi kaphi samridh pratit hoti hai
ReplyDeleteजी धन्यवाद💐💐🌴☘️🍀🎄
Deleteअरविंद कुमार पाण्डेय
ReplyDeleteबेलहर (बाँका)
बहुत ही सुन्दर सोच के साथ प्रकृति की खूबसूरती का उल्लेख आपके द्वारा चांदनी जी,वास्तव में इस प्रकार की रचना प्रेरणादायी व प्रशंसनीय है, जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम ही है, बहुत-बहुत धन्यवाद
जी धन्यवाद सर☘️🎄🎍🌴🍀💐💐
Deleteबहुत ही प्रशंसनीय लेख
ReplyDeleteहरियाली ही खुशहाली लाएगी
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