अपना 74वाँ स्वतंत्रता दिवस-राकेश कुमार - Teachers of Bihar

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Saturday 15 August 2020

अपना 74वाँ स्वतंत्रता दिवस-राकेश कुमार

अपना 74वाँ स्वतंत्रता दिवस 

          आजादी कितना प्यारा है। खुली हवा में सुकून भरी आहें। मेरा सब कुछ ले लो लेकिन मेरी आजादी न छीनो। मानव, जीव-जंतु सभी को अपनी आजादी प्यारी है और उसे बनाए रखने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार रहते हैं यहाँ तक कि अपनी आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते। हमारा देश ज्ञातव्य है कि लगभग 200 वर्ष गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। हमारे पूर्वज शारीरिक, मानसिक तनाव, प्रताड़ना आदि के शिकार रहे, गुलामी के दंश को झेलते रहे। इन सब परिस्थितयों के उपरांत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई। राष्ट्रीय स्तर पर व क्षेत्रीय स्तर पर उत्तेजनाओं एवं प्रयत्नों से प्रेरित, भारतीय राजनीतिक संगठनों द्वारा संचालित  अहिंसावादी और सैन्यवादी आंदोलन की शुरुआत हुई जिसका एक समान उद्देश्य, अंग्रेजी शासन को भारतीय उपमहाद्वीप से जड़ से उखाड़ फेंकना था। इस आंदोलन की शुरुआत 1857 में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। अपने देश की स्वाधीनता के लिए हजारों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। हम सभी को ज्ञात है कि भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग है। ऐसा कहा जाता है कि भारत की धरती की जितनी भक्ति और मातृ-भावना उस युग में थी, उतनी कभी नहीं रही। मातृभूमि की सेवा और उसके लिए मर-मिटने की भावना जो उस समय थी, आज उसका नितांत अभाव देखा जा रहा है।
          क्रांतिकारी आंदोलन का समय सामान्यतः लोगों ने 1857  से 1942 तक माना है लेकिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विशेषता यह रही कि क्रांतिकारियों के मुक्ति प्रयास कभी शिथिल नहीं हुए। भारत के महान क्रांतिकारियों के अथक प्रयास के बाद हमें पूर्ण स्वाधीनता की प्राप्ति हुई। हमारे देश की महान विरासत की व्याख्या इतनी विस्तृत है कि या कहें कि अपने मातृभूमि की आजादी हेतु अपने जान पर खेलने वालों  की इतनी गौरव गाथा है कि उसे कुछ शब्दों में समेटना मुश्किल हीं नहीं बल्कि दुश्कर है। हमें गर्व है कि हम उस महान विरासत का हिस्सा हैं और उस गौरवपूर्ण इतिहास की अपनी लेखनी से चर्चा कर रहे हैं।
          हर वर्ष 1947 से लगातार हम सभी अपने आजादी की वर्षगांठ को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। पूरे भारतवर्ष में यह दिन राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है तथा हर वर्ष हम सभी अपने देश के उन्नति एवं प्रगति के साक्षी बनते हैं। हम सभी अपने देश के 70 वर्ष के आजादी के इतिहास में यह देखा कि हमारा देश, सभी लोगों के मेहनत, लगन और अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं की भावना के साथ अपने देश को दुनियाँ में महाशक्ति बनाने के साक्षी बन रहे हैं। भारत की पहचान हमेशा से दुनियाँ को सही राह दिखाने वाली देश की रही है। एक सामान्य सी मान्यता रही है कि किसी भी परिप्रेक्ष्य में अगर हमें सफलता मिलती है तो सबसे बड़ी चुनौती उसे बनाए रखने की होती है। यही संदर्भ हमारे आजादी के संदर्भ में भी है। वर्तमान में हम सभी को इस दायित्व को समझना होगा कि त्याग और बलिदान से मिली आजादी को हम सभी कैसे सुरक्षित रखें ? आज अगर हम कहें तो ये प्रश्न उठता है कि आजादी की वर्षगांठ तो प्रत्येक वर्ष आती है। इसके पृष्ठभूमि के बारे में हम सभी अवगत हैं तो लेखनी में नया किस संदर्भ की चर्चा करें तो स्पष्ट होता है कि हमारे देश की गौरवशाली इतिहास और वर्तमान प्रगतिशील भारत की बात कभी खत्म हीं नहीं हो सकती और हम सभी प्रत्येक वर्ष एक नया संकल्प लेते हैं, अपने राष्ट्र की प्रगति एवं सुरक्षा हेतु। वर्ष 2020 अवसर 74 वें स्वतंत्रता दिवस संकल्प कोरोना पर विजय जी हाँ हम सभी अवगत हैं कि इस वर्ष को अर्थात 2020 को कोरोना वर्ष के रूप में जाना जा रहा है और जाना जाएगा। इस वर्ष की तमाम गतिविधि में कोरोना ने अपना अहम स्थान बनाया और लोगों को  अपने जीवन शैली पर पुनर्विचार करने पर विवश किया। इस कोरोना काल में भी हम भारतवासी डटकर मुकाबला करने वाले साबित हो रहे हैं। इससे जो लड़ने के उपाय बताए जा रहे हैं अधिकांश भारतवासी पूर्व परिचित हैं या आदी हैं। यहाँ पर हम सभी का आजादी के अवसर पर संकल्पित होना होगा कि हम सभी प्राचीन एवं आधुनिक युग में सामंजस्य स्थापित कर आगे बढ़े।
          हमारे देश का इतिहास रहा है कि हमारे पूर्वज आने वाले कल की पूर्वानुमान लगाकर कुछ मार्ग दिखाकर गए हैं। यहाँ पर अगर महात्मा गाँधी की चर्चा करें तो उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले हीं कर लिया था। गाँधीजी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन  हमेशा बना रहे। उन्होंने पर्यावरण के संवेदनशीलता पर जोर दिया और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जीने की शिक्षा भी दी। वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गाँधीजी के विचारों को हीं यथार्थ रूप देते हैं। यहाँ पर मैं इन सब तथ्यों का जिक्र इसलिए कर रहा हूँ  कि इन सब प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और उपयोग हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं जो कोरोना से लड़ने में सहायक सिद्ध हो रहा है।
तो चलिये ना हम सभी भारतवासी इस स्वतंत्रता दिवस पर ये संकल्प लेते हैं -
◆ जब जरूरी हो तभी घर से निकलें.
◆ जब घर से निकले तो मास्क का प्रयोग अवश्य करें
◆ बार -बार हाथ धोएँ
◆ जब घर से बाहर निकलें तो सुरक्षित दूरी बनाए रखें
◆ अपने भारतीय संस्कृति की पहचान अभिवादन हेतु हमेशा हाथ जोड़ने की परंपरा बनाए रखें

          हम सभी अपने 74वें स्वतंत्रता दिवस उपर्युक्त संकल्प को आत्मसात कर दुनियाँ को ये संदेश दें कि हम भारतीय किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम हैं तथा चुनौती को हम सभी विपदा नहीं अवसर मानते हैं और कोरोना से डरकर नहीं डटकर मुकाबला करेंगे और उस पर विजय प्राप्त करेंगे। अपने पूर्वजों जिन्होंने हमें आजादी दिलाई, उनके  सपने स्वाधीनता, केवल राजनीतिक सत्ता हासिल करने तक सीमित नहीं था। उनका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और समाज  की व्यवस्था को  बेहतर बनाना भी था, को साकार करें और अपने 74वें स्वतंत्रता दिवस को यादगार बना दें।
जय हिंद-जय भारत 🇭🇺


राकेश कुमार
मध्य विद्यालय बलुआ
मनेर (पटना)

3 comments:

  1. बहुत खूबसूरत लेख और साथ ही साथ कोरोनावायरस से लड़ने का मूल मंत्र

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  2. बहुत-बहुत सुन्दर!

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  3. Very appreciable article. Many many thanks

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