स्वतंत्रता दिवस-मधु कुमारी - Teachers of Bihar

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Saturday 15 August 2020

स्वतंत्रता दिवस-मधु कुमारी

स्वतंत्रता दिवस
          
वीरों ने थी खाई गोली
तब यह शुभ दिन आया है
देख देश/तिरंगे की आन-बान-शान
पुलकित हो यह मन हर्षाया है ।

          सचमुच कितना आनंदित हो उठता है मन केवल आजादी के ही नाम से। स्वतंत्रता दिवस इतिहास के पन्नों का वो स्वर्णिम क्षण जो हमें सदैव गौरान्वित करता रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व होने के साथ-साथ ऐतिहासिक पर्व भी है क्योंकि 73वर्ष पूर्व यह शुभ दिन भारतवासियों को अनेकानेक संघर्षों के उपरांत प्राप्त हुआ था।
          भारत जिसने अपना वजूद, अपना अस्तित्व पराधीनता की जंजीरों के नीचे खो दिया था। इसने पराधीनता से स्वाधीनता प्राप्त कर पुन: अपना अस्तित्व को स्थापित किया। चुँकि यह आसान कार्य न था। अंग्रेज हमारे घर अर्थात भारत में आकर हमारी कमजोरियों को, हमारे परिवेस का ध्यानपूर्वक गहन अधययन कर अन्दर ही अन्दर भारत को तोड़ने का काम किया और धीरे धीरे देश को अपने अधीन कर लिया। अब देश को स्वतंत्र करने तथा पराधीनता की बेड़ियों को तोड़ना 'लोहे के चने' चबाने जैसा था। तदोपरान्त अनेक वीर योद्धाओं ने अनेकानेक युद्ध किये। महत्मा गाँधी जी ने अहिंसा परमो धर्म: का ज्ञान देकर अंग्रजों भारत छोड़ो आन्दोलन का नारा दिये। इनके अलावे अनेक वीर सैनिक जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस, नाथूराम गोडसे, सरदार पटेल, लक्ष्मीबाई आदि अनेक वीर जम कर लड़े और अन्ततः 15अगस्त 1947को इस सुन्दर सोने की चिड़िया कहलाने वाली भारत माँ को गुलामी की दासता से आज़ादी मिली। जिसकी गाथा इतिहास सदैव याद रखेगा।
          यह भारत देश पीढ़ी दर पीढ़ी सदैव उन वीरों के ऋणी रहेगा जिनके अथक प्रयास का स्वर्णिम भविष्य हम आज देख रहे हैं। सर्वप्रथम 15अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरु जी ने लाहोरी गेट पर राष्ट्रीय झण्डा फहराया था और तब से  निरंतर यह परंपरा निभाई जा रही है। परन्तु ये कैसी विडम्बना है समय की कि इस वर्ष हम हर्षोउल्लास के साथ न तो झण्डा फहराएँगे और न बच्चे ही आएँगे। पूरी सादगी के साथ मास्क का उपयोग करते हुए सामाजिक दूरी और बिना भीड़ जुटाए झण्डोतोलन करेंगे।
          हमारी सावधानी हीं हमारी कल की आज़ादी होगी। आज हम सब कोरोना वायरस के अधीन हैं जिससे स्वतंत्र होने का एकमात्र मन्त्र है मास्क लगाना और दो गज की दूरी।
                          

मधु कुमारी
उ. म. वि. भतौरिया
बलुआ, हसनगंज
कटिहार

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