बाल दिवस-अमरेन्द्र कुमार - Teachers of Bihar

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Tuesday 17 November 2020

बाल दिवस-अमरेन्द्र कुमार

बाल दिवस

          14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री बने पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन हैं, पूरे देश में यह दिन 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। भारत की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेहरू का पूरा जीवन ही प्रेरणा से भरा रहा। उन्हें 'आधुनिक भारत का रचयिता' कहा जाता है। पंडित नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय थे और इसी वजह से उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 
          नेहरू का मानना था कि आज का बचपन जैसा होगा, कल की जवानी वैसी ही होगी मतलब नींव सही होगी, तो मकान खुद ब खुद मजबूत बन जाएगा। वो कहते थे कि देश तभी विकास के पथ पर आगे बढ़ सकता है जब उस देश के बच्चों का सही तरीके से विकास हो। बच्चे ही राष्ट्र की आत्मा हैं। बचपन एक ऐसी अवस्था होती है जहाँ जाति-धर्म-क्षेत्र कोई मायने नहीं रखते। बच्चे ही राष्ट्र की आत्मा हैं और इन्हीं पर अतीत को सहेज कर रखने की जिम्मेदारी भी है।
          27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरु के निधन के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि अब से हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर 'बाल दिवस' मनाया जाएगा और 'बाल दिवस' कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
दरअसल 'बाल दिवस' की नींव 1925 में रखी गई थी। जब बच्चों के कल्याण पर 'विश्व कांफ्रेंस' में बाल दिवस मनाने की सर्वप्रथम घोषणा हुई थी। 1954 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। 1954 में संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। यही वजह है कि आज भी कई देशों में 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनया जाता है जबकि कई देश ऐसे हैं जो 1 जून को बाल दिवस मनाते हैं लेकिन इंडिया में ये 14 नवंबर को मनाया जाता है।
अमरेन्द्र कुमार
डिस्ट्रिक्ट मेंटर
रोहतास

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