Thursday, 28 January 2021
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नवाचार का व्यापक उद्देश्य-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर
नवाचार का व्यापक उद्देश्य
अक्सर यह प्रश्न उठता है कि शिक्षा का उद्देश्य क्या है? क्या शिक्षा का उद्देश्य केवल लिखना, पढ़ना, सीखना, नौकरी करना या व्यवसाय करने के योग्य बनना है या फिर धन अर्जित करना है। वास्तविक और सच्ची शिक्षा का उद्देश्य इन सभी ध्येयों से कहीं बढ़कर और ऊपर है। शिक्षा हमें अर्जित किए गए ज्ञान का सदुपयोग करना सिखाती है, सही गलत परिस्थितियों का आकलन करके सच्चाई और नेकी की राह पर चलने का साहस देती है। हम सभी के भीतर जन्म से नौतिक मूल्य और अच्छाइयाँ होती है लेकिन बीतती आयु के साथ अक्सर हम इन गुणों का विकास करने के बजाय उन्हें परिस्थितियों के आगे झुका देते हैं। यदि छात्र को बाल्यावस्था से ही नैतिक मूल्यों के महत्व से अवगत कराया जाए तो वे जीवन में सत्य संवेदनशीलता, सदाचार और संतोष के मार्ग पर चलते रहेंगे। वयस्क हो सजग नागरिक बनेंगे। इन्हीं सुविचारों को केंद्र में रखते हुए नैतिक मूल्य नवाचार को विकसित किया गया है। यह नवाचार किसी संस्था या हमारे व्यावस्थापिकाओं द्वारा नहीं दिया गयाा, यह तो हम शिक्षकों जो देश के शहरों, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में ज्ञान की गंगा बहाते हुए इन स्रोतों में समाज के उन पौधों (बालकों) को डुबोता है ताकि वह फल देने के परिणाम की ओर अग्रसर हो या परिपक्व हो सके। उनकी कड़ी मेहनतों का परिणाम नवाचार शिक्षा जैसा फल प्राप्त हुआ है।
टीचर्स ऑफ बिहार एक ऐसी संस्था है जिनको हम सभी शिक्षक सहृदय धन्यवाद देना चाहेंगे कि इन्होंने हमारी मेहनत को एक पड़ाव के रूप में ठीक वैसा ही आश्रय दिया है जैसे किसी पहाड़ से गिरती नदियों को सागर आश्रय देता है ताकि वह अपनी विशालता का खुला प्रदर्शन कर सके।
नवाचार के होने वाले बेहतर परिणाम (एक अनुभव):-
◆ नवाचार व्यक्ति के सजग और सफल नागरिक बनने की नींव मजबूत करता है।
◆ छात्रों में दायित्व बोध का विकास होता है, आत्मविश्वास और सहयोग भाव बढ़ता है।
◆ वह सम्मान और सहानुभूति की परिभाषा समझने लगते हैं जिससे वह संवेदनशील बनते हैं।
◆ छात्रों के सकारात्मक कार्यों को देखकर समुदाय और अभिभावकों का शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण भी बदलता है, उनके भीतर भी विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ता है।
◆ विद्यालय के महत्व को बल मिलता है, साथ ही कई शैक्षणिक समस्याएं जैसे कि कम नामांकन दर, कक्षा में अनुपस्थिति, गृह कार्य न करने जैसी परेशानियां दूर होती है।
धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर
न. सृ. प्रा. वि. बेलसरा गोठ
रानीगंज, (अररिया)
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बहुत ही सार्थक एवं उपयोगी आलेख👌👌
ReplyDeleteधन्यवाद सर 👍👍
बहुत-बहुत सुंदर!
ReplyDeleteBahut hi Sundar prayas. Sir ko tahe Dil se dhanyvad
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