एक उत्सव जिसका नाम है प्रवेशोत्सव-राकेश कुमार - Teachers of Bihar

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Thursday 25 March 2021

एक उत्सव जिसका नाम है प्रवेशोत्सव-राकेश कुमार

एक उत्सव जिसका नाम है प्रवेशोत्सव 

          कभी-कभी ऐसा होता है कि सामान्य सी बात भी एक खास अवसर में तब्दील हो जाती है। ये निर्भर करता है हमारी अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्धता, सोच, समर्पण और लगन। उसको एक ऐसा रूप देना जो बरबस अपनी ओर आकर्षित कर ले और मन में एक इच्छा जागृत हो जाये। उस कार्य में अपनी सहभागिता देने हेतु। जी हाँ आपने सही सोचाा, विद्यालय में नामांकन तो प्रतिवर्ष होता है तो इस बार क्या खास है इस बार खास है प्रवेशोत्सव। कहते हैं न कि किसी भी चीज में अगर उत्सव जुड़ जाता है तो उसमें एक अलग तरह का उत्साह का सृजन होता है और लक्ष्य आधारित कार्य एक अलग तरह का रोमांच की अनुभूति कराती है। सर्वविदित है कि वर्ष 2020 कोरोना वर्ष के रूप में अंकित हो गया। कहते हैं कि अगर आपके जीवन का एक दिन भी व्यर्थ हो जाता है तो उसकी भरपाई बहुत मुश्किल हो जाती है और यहाँ तो पूरे वर्ष अर्थात 365 दिन की भरपाई की शैक्षणिक चुनौती हमलोगों के सामने थी। वर्ष 2020 का साल विद्यालयी गतिविधियों का ठप होना उड़ते मन को नियंत्रित करने के समान था अर्थात हमारे नौनिहाल की चंचलता पर विराम लग गया था। इस हेतु हम टीचर्स ऑफ बिहार सहित अनेक माध्यम से बच्चों को उनके शैक्षणिक गतिविधियों के लय को बरकरार रखने का एक सफल प्रयास किया। पूर्व में अनेक शैक्षिक योजनाओं का शुभारंभ किया जाता था। टीचर्स ऑफ बिहार के स्थापना पूर्व तो शायद वह योजना जन की योजना बनती थी, लेकिन आज टीचर्स ऑफ बिहार सरकार की कोई भी शैक्षिक योजना को अपना शत-प्रतिशत योगदान देते हुए जन-जन की योजना बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है और उसे अनेकानेक गतिविधियों से आकर्षक एवं रोचक बनाकर लोगों को सरकारी विद्यालय की ओर आकर्षित कर रहा है। मैं यहां पर इन सब तथ्यों का उल्लेख इसलिए कर रहा हूँ कि टीचर्स ऑफ बिहार शिक्षक द्वारा शिक्षकों के लिए बनाया गया समूह है और शिक्षक किसी भी शैक्षिक योजना के केंद्र बिंदु होते हैं।
          आज वर्तमान में वर्ष 2020 की लर्निंग लॉस को पूरा करना एक चुनौती है। इन सबके बीच छिजित बच्चों एवं गैर नामांकित बच्चों को विद्यालय लाने हेतु शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा प्रवेशोत्सव को लाया गया अर्थात बच्चों का नामांकन अभियान। इस योजना को अनेक गतिविधियों के माध्यम से प्रचार एवं प्रसारित किया गया और ये नामांकन अभियान एक उत्सव बन गया। यहां पर मैं उल्लेख करना चाहूंगा कि एक ऐसा उत्सव  जिसमें सभी लोगों की सहभागिता प्रदर्शित हो रही है। जनमानस की सक्रियता इस उत्सव को सरकारी विद्यालय की ओर सकरात्मक पहल को भी दर्शा रही है। सरकारी विद्यालयों में नामांकन हेतु उमड़ी भीड़ जो कि किसी उत्सव पर दिखाई देती है प्रवेशोत्सव के नाम को भी सार्थकता प्रदान कर रही है और मैं भी एक शिक्षक होने के नाते इस प्रवेशोत्सव का भरपूर आनंद उठा रहा हूँ और धन्यवाद देता हूँ इस प्रवेशोत्सव की संकल्पनाकर्ता को हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। और मैंने भी ये संकल्प लिया है कि

खुशबू है हर फूल में,
हर बच्चा स्कूल में।


राकेश कुमार 
मध्य विद्यालय बलुआ मनेर (पटना)

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