टीओबी का लेट्स टॉल्क कार्यक्रम-विजय सिंह नीलकण्ठ - Teachers of Bihar

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Tuesday 18 May 2021

टीओबी का लेट्स टॉल्क कार्यक्रम-विजय सिंह नीलकण्ठ

टीओबी का लेट्स टॉल्क कार्यक्रम

          टीचर्स ऑफ बिहार के अनेक कार्यक्रम के अंतर्गत एक प्रमुख कार्यक्रम लेट्स टॉल्क होता है जो हर महीने एक या दो बार होता है जिसमें अलग-अलग क्षेत्र से विद्वान आते हैं और शिक्षक, अभिभावक और शिक्षार्थियों को किसी विशेष क्षेत्र और विषय पर जिज्ञासाओं और सवालों का जवाब देकर जानकारी प्राप्त करने में सहयोग करते हैं। इसी कड़ी में दिनांक 16 मई 2021 के लेट्स टॉल्क कार्यक्रम के बारे में कुछ बातें प्रस्तुत की जा रही है।
          इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विद्वान संजय कुमार जी रहे जो बिहार राज्य के शिक्षा विभाग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी हैं और मॉडरेटर में टीचर्स ऑफ बिहार की सदस्या और टीम लीडर खुशबू कुमारी जी रही। इस कार्यक्रम में ई-लॉट्स अर्थात ई लाइब्रेरी ऑफ टीचर्स एंड स्टूडेंट्स पर विस्तृत चर्चा की गई और कार्यक्रम के लाइव शो को देखने वालों के हर प्रकार के प्रश्नों और जिज्ञासाओं का माननीय संजय कुमार जी के द्वारा जवाब दी गई। सर्वप्रथम मॉडरेटर महोदया के द्वारा लाइव प्रोग्राम देखने वाले सभी शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों का अभिवादन किया गया साथ ही साथ मुख्य अतिथि का भी काफी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पुनः कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सर्वप्रथम ई-लॉट्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें टीचर्स ऑफ बिहार के तकनीकी टीम का भरपूर सहयोग रहा। फिर शिक्षकों के अंदर उपस्थित प्रश्नों का माननीय ने बड़े ही सुंदर और उदाहरण सहित जवाब दिए।
          सबसे पहला प्रश्न था कि जिसके पास मोबाइल नहीं है वह क्या करेंगे? क्या इससे सभी बच्चों को फायदा हो सकता है? तो इसके जवाब में श्री कुमार ने कहा कि हमारे लिए जितना स्वास्थ्य का महत्व है उतना ही शिक्षा का। यदि हम स्वस्थ रहने के लिए कई उपाय कर सकते सकते हैं तो शिक्षा के लिए भी उपाय अवश्य कर सकते हैं क्योंकि शिक्षा से स्वास्थ्य का गहरा संबंध रहता है।
          इसमें XI और XII की कक्षा के आर्ट विषय का वीडियो नहीं होने के बारे में उन्होंने बताया कि इसपर काम हो रहा है और बहुत जल्द वीडियो उपलब्ध हो जाएंगे इसके अलावा हिंदी साहित्य की वांछित चीजों को भी इसमें लाया जाएगा। ग्रामीण बच्चों के पास मोबाइल नहीं है जैसे प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल है लेकिन जागरूकता या ऑनलाइन शिक्षा के प्रचार-प्रसार के अभाव में बच्चे उसका सही उपयोग नहीं करते। प्रायः देखा जाता है कि बच्चे मोबाइल का उपयोग भोजपुरी गाने सुनने में करते हैं और मन मस्तिष्क में वही भावना भरे रहने के कारण गलत राह पर चलने लगते हैं जो उनके और दूसरों के लिए भी हानिकारक ही सिद्ध होता है। यदि उसे भी हम गाना सुनने के बजाय ऑनलाइन कक्षा से अवगत कराकर पढ़ने और सीखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी। बिहार शिक्षा परियोजना में अपना योगदान कैसे दें इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि आप परियोजना के ईमेल पर अपनी जानकारी साझा करें। अपना एक वीडियो अपलोड करें जिसे देखकर अच्छा होने पर आपको मौका दिया जाएगा। इसपर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है। जब किसी ने टीचर्स ऑफ बिहार के स्कूल ऑन मोबाइल के बारे में पूछा तो उन्होंने बड़ी प्रसन्नता से कहा कि जिस तरह से टीचर्स ऑफ बिहार से जुड़े शिक्षक निःस्वार्थ भाव से बिहार के बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए काम कर रहे हैं वो बहुत ही सराहनीय है। इनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम होगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं भी टीओबी के कार्यक्रम को देखता हूॅं। ई-लॉट्स कक्षा का विकल्प हो सकता है जैसे प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा कैसे हो सकता हैै। हॉं जब-तक कक्षा शुरू नहीं हो जाती तब-तक बच्चे और शिक्षक इससे लाभ उठा सकते हैं और लाभ उठाएं भी। इसका भरपूर प्रचार-प्रसार करने के बारे में उन्होंने कहा कि जिस तरह टीचर्स ऑफ बिहार इसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं उस तरह यदि सभी करें तो यह घर-घर तक पहुंच सकता है।
          इस तरह ई-लॉट्स के प्रति उत्पन्न प्रश्नों का जवाब उन्होंने बहुत ही अच्छी तरह से दिया जिसे सुनकर सभी बच्चे शिक्षक और अभिभावक काफी संतुष्ट हुए और ई-लॉट्स के प्रचार-प्रसार करने के प्रति उन्हें भरोसा दिया।

विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम

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