स्तनपान मातृ शिशु का महावरदान-अनुज कुमार वर्मा - Teachers of Bihar

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Saturday 7 August 2021

स्तनपान मातृ शिशु का महावरदान-अनुज कुमार वर्मा

स्तनपान मातृ शिशु का महावरदान

          विश्व स्तनपान सप्ताह सम्पूर्ण संसार में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक स्तनपान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। विश्व स्तनपान 2021 का विषय "स्तनपान की रक्षा करें, एक साझा जिम्मेदारी है।"  विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन 1991 से WABA, WHO, UNICEF द्वारा किया गया था। तब से प्रत्येक वर्ष इसका आयोजन हो रहा है। 
स्तनपान
माँ का दूध हर शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है। यह शिशु और माँ दोनो को स्वास्थ्य, पोषण और भावनात्मक लाभ प्रदान करता है। यह एक स्थायी और सबसे अच्छा और सस्ता खाद्य प्रणाली का हिस्सा है। नवजात शिशुओं के लिए पीला गाढ़ा चिपचिपा माँ के स्तन का दूध कोलेस्ट्रंम् संम्पूर्ण आहार होता है जिसे शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर शुरू कर देना चाहिए। नवजात शिशुओं के लिए 6 माह तक माँ का दूध सर्वोत्तम आहार होता है। 6 माह से 2 वर्ष तक शिशु को माँ के दूध के साथ- साथ पौष्टिक आहार भी देना चाहिए, जिससे शिशु का सर्वांगिक विकास हो सके। स्तन में दूध का बनना एक नैसग्रीक प्रक्रिया है। जब-तक शिशु दूध पीता है तब-तक दूध स्तन में बनता है। स्तनपान नहीं करवाने पर दूध बनना बंद हो जाता है। 

माँ के दूध से शिशु को लाभ
1) शिशु के लिए माँ का दूध अच्छा और सम्पूर्ण आहार होता है। 
2) दूध का कोलेस्ट्रंम् शिशु को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। 
3) माँ का दूध शिशु को कई रोगों से बचाता है। 
4) यह शिशु का वृद्धि और मानसिक विकास करता है। 
5) यह बहुत सुपाच्य होता है। 
6) माँ का दूध बच्चे को आंतरिक मजबूती प्रदान करता है। 
7) स्तनपान कभी भी करवाया जा सकता है, शिशु को इंतजार नहीं करना पड़ता। 
8) इससे माँ के प्रति प्रेम का भाव जागृत होता है। 
9) शिशु स्तनपान के समय माँ के गोद में सुरक्षित महसूस करता है। 
10) माँ के दूध का सेवन करने से बच्चे को कब्ज नहीं होता है।

स्तनपान से माँ को लाभ
1) स्तनपान करवाने से तनाव कम होता है। 
2) हृदय रोग से ग्रसित होने की संभावना कम होती है। 
3) गठिया का खतरा कम होता है। 
4) स्तन कैंसर या गर्भाशय कैंसर का खतरा कम होता है। 
 5) स्तनपान प्राकृतिक गर्व निरोधक है। 

स्तनपान करवाते समय सावधानियाँ
1) हमेशा बैठकर स्तनपान करायें। 
2) स्तनपान के समय शिशु की नाक पर ध्यान दें। उसे सांस लेने में दिक्कत नहीं हो। 
3) शिशु को हमेशा शांतिपूर्ण माहौल में स्तनपान कराना चाहिए। 
4) दिन में कम से कम तीन बार एक स्तन से स्तनपान करवाना चाहिए। 
5) स्तनपान के उपरांत गीले कपड़े से स्तन और शिशु का मुँह साफ करें। 
6) बच्चे को अलग-अलग करवट में स्तनपान करवाएं जिससे सिर चपटा न हो। 
7) स्तनपान करवाने के बाद हिचकियाँ आना साधारण बात है, इससे परेशान न हाँ। 


अनुज कुमार वर्मा
मध्य विद्यालय बेलवा कटिहार
बिहार

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