Friday, 10 September 2021
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मेरा अवार्ड-खुशबू कुमारी
मेरा अवार्ड
5 सितम्बर 2021 को 20 शिक्षकों/शिक्षिकाओं को शिक्षक सम्मान मिला। मेरी ओर से सभी को हृदय तल से बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं। सभी इसके हकदार थे।
मैं 20 में से 19 को पर्सनली नहीं जानती सिर्फ नम्रता मिश्रा को 2009 से ही जानती हूॅं। उनके साथ मैंने PG किया है। मैं उनको पर्सनली जानती हूॅं इसलिए उनको अवार्ड की हकदार समझती हूॅं। ऐसा नहीं है बल्कि मैंने देखा है उनके पढ़ने-पढ़ाने के तरीके को, उनके व्यवहार को जो उनको इसका हकदार बनाता है। सिर्फ मैं ही क्यों पूरा बिहार देखा है। कोरोना काल में जिस तरह से उन्होंने टीचर्स ऑफ बिहार के मंच से बच्चों की कक्षाएं ली सभी ने देखा। वो सचमुच इस अवार्ड की हकदार हैं।
अब लोग मुझसे पूछते हैं या खुद से पूछते होंगे मुझे क्यों नहीं मिला। मैं बस यही जवाब दूंगी, औरों का तो पता नहीं पर मैं हर रोज अवार्ड प्राप्त करती हूॅं। जो चीज़ मुझे खुशी देती है वो मेरे लिए अवार्ड ही तो है। जो मैं चाहती हूॅं वो मुझे मिल जाता है वो मेरे लिए अवार्ड ही है। मैं एक शिक्षिका हूँ। 2019 के पहले एक साधारण शिक्षिका पर जब से Teachers of Bihar (ToB) से जुड़ी तो जैसे मैं आम से खास बन गई। बिहार में लगभग 4 लाख शिक्षक/शिक्षिकाएं हैं, कितनो को आप जानते हैं ? सभी अपने विद्यालय जाते हैं, अपना कार्य तल्लीनता से करते हैं। कौन जानता है उनको, उनके कार्यों को। हर रोज की मेहनत कौन सराहता है। हाँ उस शिक्षक से एक चूक हो जाये फिर देखें अखबार और न्यूज़ में होड़ लग जायेगी खबर छापने और दिखाने की। पर हर रोज यहाॅं लाखों शिक्षक अपने कार्य को दिल से करते हैं पर उनके कार्यों को कौन सराहता है?
ToB ने ऐसा मंच दिया जहाॅं आप अपने कार्यों को हर रोज शेयर कर सकते हैं। अपनी मेहनत को दिखाते हैं। अब बहुत से लोग ये सोचते हैं मुझे नहीं दिखाना मुझे नहीं चाहिए किसी की सराहना, पर वे भूल जाते हैं कि उनके कार्यों को देखकर औरों को भी प्रेरणा मिलती है। इसलिए हमें गुमनाम ही नहीं बने रहना चाहिए। मौत तो सब को एक दिन गले लगाना है पर गुमनामी वाली मौत, बिल्कुल नहीं। मुझे तो गुमनामी वाली मौत नही मिलेगी क्योंकि ToB ने मुझे इतने अवार्ड जो दिए हैं सब जानने लगे हैं मुझे। आज भी मुझे याद है 6 दिसंबर 2019 का वो दिन जब शिव भैया ने मुझे डिस्ट्रिक्ट मेंटर में जोड़ा था और मुझे कुछ ही दिन लगे ToB को समझने में क्योंकि ये हम शिक्षकों के लिए ही है। हम जैसे आम शिक्षकों को कब खास बना देता है पता हीं नहीं चलता। आप बांका की रूबी जी को ही देख लें, भागलपुर की नम्रता जी को या कटिहार के मृत्युंजयं जी को, कितनो का नाम लिखूं हज़ारों शिक्षक हैं। आज मुझे लगभग 2 साल हो गए ToB से जुड़े हुए। और इन 2 सालों में ऐसा 1 दिन भी नहीं गुज़रा की मुझे कोई अवार्ड न मिला हो। जब मैं कोई ToB ज्ञान बनाती हूँ और शिव भैया बोलते हैं 'बहुत बढ़िया' ये मेरे लिए अवार्ड ही तो है। शिवेंद्र भाई कितने भी व्यस्त क्यों न हो मैं जब कॉल करती हूं तो 'बोल छुटकी' कहकर मेरी बात सुनते हैं। ये मेरे लिए अवार्ड ही तो है। सत्यनारायण सर मेरी किसी त्रुटि पर बेटी की तरह समझाते है जो मेरे लिए अवार्ड ही तो है। और कितने अवार्ड गिनाऊँ। जब ToB ज्ञान से लाखों शिक्षकों को फायदा मिलता है तो उन शिक्षकों से जो मुझे शुभकामनाएं मिलती है वो अवार्ड से कम नहीं। मेरे पदाधिकारी जब मुझे बोलते हैं कि यहां दिक्कत हो रही शिक्षकों को आप ToB ज्ञान बना दें या एक ज़ूम मीटिंग ऑर्गनाइज कर दें, ये अवार्ड से कम थोड़ी न है मेरे लिए।
हर वो शिक्षक जो ToB में हैं, मैं ऐसा सोचती हूँ कि वो हर रोज मेरी तरह अवार्ड प्राप्त कर रहे हैं। कोई माने न माने मैं तो हर रोज अवार्ड प्राप्त करती हूॅं और इससे मैं बहुत खुश हूॅं।
✍🏼Khushboo Kumari
About ToB Team(Vijay)
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
खुशी
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Good 👌🏾👌🏾👌🏾
ReplyDeleteGood 👍👍
ReplyDeleteखुशबू जी आपने बहुत ही अच्छी बातें बताएं सचमुच tob बहुत ही अच्छा मंच है शिक्षकों के लिए
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