महासंग्राम के पुरोधा नेताजी-कुमारी निरुपमा - Teachers of Bihar

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Monday 6 June 2022

महासंग्राम के पुरोधा नेताजी-कुमारी निरुपमा

महासंग्राम के पुरोधा नेताजी
आजादी को आत्मप्रतिष्ठा का प्रश्न बना देने वाले सुभाष चन्द्र बोस स्वाधीनता महासंग्राम के मुख्य पुरोधा थे। जहां सुभाष चन्द्र बोस के मन में अंग्रेजों के प्रति तीव्र घृणा थी वही देशवासियों के प्रति बहुत प्रेम था।
  माता प्रभावित के कोख  से 23 जनवरी के दिन सुभाष चन्द्र बोस का जन्म लेना भारतीय इतिहास के लिए एक अविस्मरणीय दिन है। देशप्रेम, स्वाभिमान और साहस की भावना उनके अन्दर बचपन से ही प्रबल थी।वह अपने सहपाठियों को भी ब्रिटिश सरकार का विरोध करने के लिए मनोबल बढ़ाते थे।
   ब्रिटिश सरकार सुभाषचन्द्र बोस को हथकड़ियां पहनाने का बहाना खोजती थी वह किसी भी कीमत पर उन्हें आजाद छोड़ना नहीं चाहती थी। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए एक अलग फौज भी खड़ी की थी उसका नाम था- आजाद हिन्द फौज। सुभाष चन्द्र ने सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से आजाद हिन्द सरकार की स्थापना की।इस संगठन का प्रतीक चिन्ह एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था।
        सुभाष चन्द्र बोस का जन्म उस समय हुआ जब भारत में अहिंसा और असहयोग आंदोलन अपनी प्रारम्भिक अवस्था में था।इन आंदोलनों से प्रभावित होकर उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। पिता के आदेश का पालन करते हुए वह 15 सितम्बर 1919 को लंदन गए और आई. सी.एस.की परीक्षा उत्तीर्ण किया पर देश की सेवा की इच्छा के कारण आइ.सी.एस से त्यागपत्र दे दिया। बोस के गर्म और तीखे  तेवर को कांग्रेस का नरम व्यवहार ज्यादा पसंद नहीं आया। इसलिए कांग्रेस से त्यागपत्र देकर 3 May 1939को फारवर्ड ब्लाक की स्थापना की। 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 1940 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें घर पर नजरबंद कर लिया पर नेताजी मौलवी का वेष बनाकर अफगानिस्तान होते हुए बर्लिन चले गए।वह भारत को स्वतंत्र कराने के लिए जर्मनी एवं जापान से सहायता मांगी । वहां स्थानीय भारतीय लोगों से आजाद हिन्द फौज में भरती होने का आह्वान किया।
   देश को जयहिंद का नारा देने वाले तथा अंग्रेजी हुकूमत का डटकर सामना करने वाले नेताजी का नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी  वीरों में बड़े सम्मान और श्रद्धा के साथ लिया जाता है।

कुमारी निरुपमा

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