राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस-मधु प्रिया - Teachers of Bihar

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Tuesday 28 June 2022

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस-मधु प्रिया

 सांख्यिकी सिद्धांतों को वैज्ञानिक रूप में प्रस्तुत करने का श्रेय जर्मनी  के विद्वान एवं गणितज्ञ गाॅटफ्रायड एचेनवाला को हैं। इन्होंने सन् 1749 मे सांख्यिकी की विस्तृत विवेचना प्रस्तुत की थी। सांख्यिकी का जनक गाॅटफ्रायड ऐचेनवाला को कहा जाता हैं। सांख्यिकी शब्द का प्रयोग दो रूपों में किया जाता है-- एक वचन और बहु वचन। प्राचीन समय मे जब सांख्यिकी का विकास पूर्णतः नही हो पाया था, तब इसे बहुवचन अर्थात् समंको के रूप मे ही स्वीकार किया जाता था, लेकिन आगे चलकर इस विज्ञान के पूर्ण विकसित होने पर इसे एकवचन अर्थात् सांख्यिकी विज्ञान के रूप मे प्रयोग मे लिया जाने लगा।

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस




एकवचन के रूप मे सांख्यिकी का अर्थ 'सांख्यिकी विज्ञान' के रूप में हैं। बहुवचन के रूप मे 'सांख्यिकी का अर्थ 'आँकड़ों या समंको' के रूप मे हैं। भारत सरकार, 2007 के बाद से हर साल महान वैज्ञानिक और सांख्यिकीविद ,राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली की स्थापना में महालनोबिस के अमूल्य योगदान का सम्मान करने के लिए यह दिन मनाता आ रहा है। प्रोफेसर महालनोबिस ने ही 17 दिसंबर, 1931 को देश के पहले भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की नींव रखी थी। सांख्यिकी दिवस समारोह का उद्देश्य आम लोगों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में सांख्यिकी के उपयोग को लोकप्रिय बनाना है। साथ ही सरकार इसे लेकर जनता को यह समझाने का प्रयास करती है,कि नीतियों को आकार देने और तैयार करने में सांख्यिकी कैसे मदद करती है। सामान्य तौर पर सांख्यिकी गणित का वह हिस्सा है, जिसमें डेटा यानी आंकड़ों का संग्रहण, प्रदर्शन, वर्गीकरण और उसके गुणों का आकलन का अध्ययन किया जाता है। सांख्यिकी आर्थिक योजनाओं और नीतियों को बनाने में मदद करता है। यह तथ्यों को सटीक और निश्चित रूप में प्रस्तुत करता है। सांख्यिकी दिवस' भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद पी. सी. महालनोबिस द्वारा सांख्‍यिकीय विकास के क्षेत्र दिये गए योगदान के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में पी. सी. महालनोबिस के योगदान के प्रति युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करना और उन्हें प्रेरित करना है। भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 19 जून 1893 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ था। देश के विधानसभा परिषद् के आर्थिक नियोजन और सांख्यिकीय विकास में अतुलनीय योगदान के लिए प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रुप में मनाने की घोषण की गई। सांख्यिकी के द्वारा केवल आँकड़ों का विश्लेषण नहीं किया जाता है, बल्कि सांख्यिकी में प्राप्त आँकड़ों की सहायता से भविष्य की परिस्थितियां अथवा दशाओं का पहले से अनुमान लगाया जा सकता है। पुर्वानुमान,विज्ञान की आवश्यक विशेषता है, जिसके आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाई जाती हैं। हमारे दैनिक जीवन एवं किसी भी देश के लिए इसका एक खास महत्व है।



मधु प्रिया

मध्य विद्यालय रामपुर बीएमसी सह उच्च माध्यमिक विद्यालय
 रामपुर दक्षिण
फारबिसगंज अररिया।

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