शिक्षक दिवस 5 सितंबर-मधु-प्रिया - Teachers of Bihar

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Monday, 5 September 2022

शिक्षक दिवस 5 सितंबर-मधु-प्रिया

कबीरदास द्वारा लिखी गई

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पांव, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय

 उक्त  पंक्तियां जीवन में गुरु के महत्व को बखूबी दर्शाती हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है। गुरुओं की महिमा का चित्रण ग्रंथों में भी मिलता है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, उनका ऋण हम किसी भी रूप में नहीं उतार सकते। लेकिन,हमें समाज के बीच रहने योग्य हमारे शिक्षक बनाते हैं। हमारे सफलता की इमारत का जिम्मा उन्हीं की रखी नींव उठाती है। भारत में हर साल पांच सितम्बर को ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हम बात कर रहे हैं महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की। 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुपति गांव में जन्में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक महान राजनीतिज्ञ और दार्शनिक भी कहा जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति थे।

 विश्व के कुछ देशों में शिक्षकों (गुरुओं) को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देशों में इस दिन को कार्य करते हुए मनाते हैं। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर को ही "टीचर्स डे" के रूप में मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के लिए व उनके छात्रों ,दोनों के लिए ही खास होता है। स्कूलों व कॉलेजों में इस बाबत कई प्रोग्राम्स आयोजित किए जाते हैं और कई तरह के इवेंट्स भी आयोजित किए जाते हैं। डॉक्टर राधाकृष्णन चाहते थे, कि उनका जन्मदिन देशभर के शिक्षकों को याद करने के लिए मनाया जाए, ताकि शिक्षकों के योगदान को सम्मान मिल सके। यहीं कारण है कि वर्ष 1962 से प्रत्येक वर्ष हम सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। 

इस दिन स्कूल कॉलेज से लेकर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह के साथ शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हमारे माता-पिता के बाद एक अच्छी दिशा दिखाने वाले टीचर ही होते हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अध्यापक का मार्गदर्शन बहुत जरुरी है। राधा कृष्णन विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे। उन्होंने हमेशा ही शिक्षकों के सम्मान पर जोर दिया। उनका कहना था,कि समाज को सही दिशा देने का काम शिक्षक ही कर सकते है। लेकिन उस शिक्षक की अनदेखी ठीक नहीं। इसलिए उनका भी एक दिन होना चाहिए, जब उनका सम्मान, आदर हो और समाज में उनके योगदार को याद किया जाए। इसी उद्देश्य के साथ इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे माता-पिता के बाद एक अच्छी दिशा दिखाने वाले टीचर ही होते हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अध्यापक का मार्गदर्शन बहुत जरुरी है। इस वर्ष 5 सितम्बर को 60वां शिक्षक दिवस मनाया जायेगा।


मधु प्रिया

मध्य विद्यालय रामपुर बी एम सी सह उच्च माध्यमिक विद्यालय रामपुर दक्षिण
फारबिसगंज अररिया।

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