हम और हमारा भविष्य- श्री विमल कुमार - Teachers of Bihar

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Wednesday, 14 December 2022

हम और हमारा भविष्य- श्री विमल कुमार

हमारा जीवन जन्म के बाद से लगातार,अनवरत चलता ही जाता है।जन्म के बाद से माता-पिता जी के द्वारा बच्चों के भविष्य को बनाने का प्रयास किया जा रहा है।बच्चों के भविष्य निर्माण के लिये शारीरिक, मानसिक,शैक्षणिक तथा सामाजिक विकास करने का प्रयास किया जाता है।शिक्षा का मूल उद्देश्य है,"भूत की बातों को याद।रखना, भविष्य की चिंता करना तथा वर्तमान में जीने का प्रयास करना"।

मेरा यह आलेख"हम और हमारा भविष्य"जीवन की वास्तविकता पर आधारित समस्याओं के कड़वा सत्य पर आधारित है।प्रत्येक व्यक्ति बचपन से ही अपने बाल-बच्चों के सुन्दर तथा सुनहले भविष्य का निर्माण करने का प्रयास करते हैं,ताकि उनके बच्चे आगे चलकर अच्छा करें,जीवन में आगे चलकर कामयाबी हासिल करे,लेकिन जब स्वंय कर्म पथ पर आगे बढ़ते हैं तो उनकी सोच डगमगाने लगती है,ठीक वैसे ही जैसे किसान अपने खेतों की देखभाल सुन्दर ढंग से करने की कोशिश तो करते हैं,लेकिन उनके नजर के सामने दूसरे के खेती नष्ट भी होती है,तो उनको अच्छा लगता है,ऐसी कुछ लोगों की सोच होती है।

जहाँ तक पिछले कोरोना काल की बात है संपूर्ण विश्व पूरी तरह से तबाही के जाल में उलझा हुआ रहा,जिसमें विशेषकर शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर डाला और बचे हुये पल को लोगों ने मस्ती में बिता दिया,जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन पढ़ाई का मोहताज बनकर रह गई।जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि विश्व की सभी समस्याओं की जननी शिक्षा है,और यदि हमलोग शिक्षा के क्षेत्र में विकास नहीं करेंगे तो आने वाला कल निश्चित रूप से सौ वर्ष पीछे चला जायेगा।इसलिये मुझे ऐसा लगता है कि हमारा आने वाला कल सुन्दर,सुखमय, विकसित हो,इसके लिए हमलोग को अपने कर्मभूमि में उत्कृष्ट सोच,निःस्वार्थ पूर्वक,सभी वर्ग के बच्चों को पूरी तरह से शिक्षा मिल सके के साथ शिक्षा देने का प्रयास करना चाहिये ताकि आने वाला कल और अपना भी पूरी तरह से  विकास हो सके,की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ आपका-


आलेख साभार-श्री विमल कुमार 

"विनोद"प्रभारी प्रधानाध्यापक राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पंजवारा

बांका(बिहार)

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