शैक्षणिक परिभ्रमण- श्री विमल कुमार "विनोद" - Teachers of Bihar

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Monday, 19 December 2022

शैक्षणिक परिभ्रमण- श्री विमल कुमार "विनोद"

शिक्षा जो कि जीवन का एक अभिन्न अंग है जिसे बहुत आसानी से प्राप्त कर पाना मुश्किल लेकिनअसंभव नहीं है। शिक्षा का क्षेत्र बहुत विस्तृत है और जब तक विस्तृत रूप से शिक्षा प्रदान नहीं की जाती है तब तक शिक्षा में गुणवत्ता ला पाना संभव नहीं है।विद्यालय में पाठ्यचर्या का प्रयोग विस्तृत रूप में किया जाता है जिसमें विद्यालय में वर्ग कक्ष के अंदर, वर्ग कक्ष के बाहर तथा विद्यालय के बाहर की सारी गतिविधि जुड़ी रहती है जिसे अतिरिक्त पाठय-सहगामी क्रिया कहते हैं।

चूँकि किसी भी बच्चे का सर्वांगिण विकास कराने में विद्यालय के अंदर सभी विषयों को सिखाना आवश्यक है।विद्यालय में वर्ग कक्ष के अंदर सिखाये जाने वाली बातें पाठ्यक्रम कहलाती हैं।इसके अलावे विद्यालय परिसर के अंतर्गत वर्ग कक्ष के बाहर की खेलकूद,गायन,वादन,नृत्य, कृषि,कताई, बुनाई तथा अन्य क्रियायें जो कि पाठ्यचर्या के अंतर्गतआती है। जहाँ तक शैक्षणिक परिभ्रमण की बात है का बच्चों की शिक्षा में महत्व है ,इसका बच्चों के शैक्षिणक जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। शैक्षिक परिभ्रमण में बच्चों को ऐतिहासिक,धार्मिक,पुरातत्विक तथा शैक्षणिक स्थानों का परिभ्रमण कराया जाता है,जहाँ पर कि बच्चों को उन स्थानों के भूतकालीन,वर्तमानकालीन तथा आने वाले समय में इसके महत्व के बारे में बताया जाता है।इन ऐतिहासिक तथा पुरातात्त्विक स्थानों का विद्यालयी शैक्षणिक विषयों पर बहुत प्रभाव पड़ता है।

 साथ ही बच्चों को तरह-तरह के जगहों का परिभ्रमण कराने के कारण उनका शैक्षणिक,मानसिक नैतिक ,अनुशासनात्मक विकास में भी पूरा प्रभाव पड़ता है। सरकार का इस तरह के शैक्षणिक परिभ्रमण कराने का उद्देश्य होता है विद्यालयी पाठ्यचर्या की गुणवत्ता में सुधार लाकर छात्र-छात्राओं के अंदर ज्ञान का विकास कराया जा सकता है।

 शैक्षणिक परिभ्रमण में जाने वाले विद्यालय प्रधान को चाहिये कि परिभ्रमण कराते समय बच्चों को परिभ्रमण स्थल की पूरी जानकारी दी जानी चाहिये जिससे कि उसकी उपयोगिता सिद्ध हो सके।साथ ही जब उस स्थल के बारे में जानकारी दी जायेगी तब परिभ्रमण में गये विद्यार्थियों को जीवन में निरंतर आगे बढ़ने का मार्गदर्शन होता रहेगा।


आलेख साभार-श्री विमल कुमार "विनोद"

प्रभारी प्रधानाध्यापक राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पंजवारा

बांका(बिहार)।

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