मित्रों नमस्कार
मैं आपका दोस्त अरविंद कुमार
दोस्तों बिहार के भाषाओं में खासतौर पर मैथिली , अंगिका , भोजपुरी व ठेठ भाषाओं का प्रचलन है , मगर जब आप बिहार से बाहर होते है तो लोग ये मान के चलते है की आपको भोजपुरी जरूर आती होगी । वैसै ज्यादातर लोग भोजपूरी मतलब .......
"लगावेलू.. जब लिपिसटीक..हिले.. ला.. आरा डिसटीक...... " ही समझते है । जबकी भोजपुरी की पहचान सिर्फ " लगावेलू लिपिसटीक से नही है ...........भोजपुरी की पृष्ठभूमि तो 1886 में बिहार के छपरा जिले के कुतूबपुर गांव के , छोटे से गरीब परिवार में जन्में , भोजपुरी के शैक्सपीयर भिखारी ठाकुर से जुड़ी है । भिखारी ठाकुर ने महज 10 साल के उम्र से ही भोजपुरी साहित्य की सेवा करना प्रारंभ कर दिया था , बंगाल के रामलीला में काम करने के बाद , उसने खूद की मंडली बनाई जिसमें खूद भोजपुरी नाटक लिखना , गीत , संगीत को तैयार करना तथा नाटक का मंचन करना जारी रखा । उसने अपने उस कला को पूर्वाञ्चल से लेकर वर्मा के सीमा तक पहुंचाया । कोहीनूर कंपनी ने उसके भोजपुरी नाटक को रिकाॅड कर दूसरे जगहों तक पहूँचाने में उसकी मदद की । बाद में भिखारी लिखित भोजपुरी नाटक पर आधारित एक फिल्म भी मुम्बई बाॅलीउड में बनी जिसका नाम विदेशिया था । भिखारी ठाकुर की अनमोल भोजपुरी लेखन में प्रमुख है ।
विदेशिया
बेटी बेचवा
भाई विरोध
कलयुग प्रेम
विधवा विलाप
गंगा स्नान
पुत्रवध
बिहार के अंदर जो बर्षों से विस्थापन की समस्या है उसे विदेशीया भोजपुरी नाटक में दिखाया गया है , इस नाटक में कहानी के नायक अपनी नई नवेली दुल्हन को छोड. मजदूरी करने प्रदेश जाता है । पति के विरह से जुझती नायिका के दर्द का मार्मिक चित्रण , भिखारी ठाकुर ने अपने इस नाटक में बड़ी संजीदगी से किया है। बैटी बेचवा भोजपुरी नाटक के जरिये भिखारी जी ने उस जमाने में ही दहैज प्रथा पर करारा प्रहार किया था । इस नाटक में दहेज प्रथा व गरीबी के कारण एक व्यक्ति अपनी ही बेटी को बेचने के लिए विवश हो जाता है । तीन चौकी को आपस में जोड़कर उस पर खेला गया यह नाटक उस वक्त के बेटियों की हालात को बयां करता है , जो आज भी बदस्तूर जारी है ।
भोजपुरी भाषा व नाटक के जरिये सामाजिक कुरीतीयों को बेनकाब करने वाले भिखारी ठाकुर के बारे में लिखना मेरे जैसे साधारण आदमी के बस की बात नही ।.........मगर भोजपूरी भाषाओं ने जहां कई फिल्मी कलाकारों को पहचान दिया वही देश को आर्थिक लाभ पहुंचाने के साथ - साथ , मोरीशस , नेपाल , केन्या , वेस्टइंडीज सहित विश्व के अलग-अलग हिस्सों में भी खुब लोकप्रियता बटोरी है ,आज बिहार में वही भोजपूरी D.J. की धुन पर अश्लीलता की भेंट चढ़ रहा है । खैर बिहार सरकार के द्वारा श्री ठाकुर को और उचित सम्मान दिये जाने की जरूरत है।
आज भिखारी ठाकुर जी के जन्म दिवस पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते है ।
अरविंद कुमार , भरगामा, अररिया
M.S. Raghunath Pur Goth

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