श्री विमल कुमार"विनोद" लिखित
मनोविश्लेषणात्मक लेख।
भगवान बच्चों की हर जगह सेवा नहीं कर सकते हैं,इसलिये माता को पृथ्वी पर भेजा गया है। साथ ही ईश्वर लोगों के सभी कष्टों का निदान स्वंय नहीं कर सकते हैं इसलिये चिकित्सक को इस पृथ्वी पर भेजा है। चिकित्सक का कार्य है,वैसे लोगों जो कि शारीरिक तथा मानसिक रूप से अस्वस्थ होते हैं,कि चिकित्सा करके स्वस्थ बनाये रखने का प्रयास करना,क्योंकि मनुष्य के शरीर के अंदर बहुत से अंग काम करते रहते हैं जो कि शरीर की सहन करने की क्षमता पर निर्भर करता है।इनमें से कभी -कभी कुछ अंगों में सहने की क्षमता कमजोर होने लगती है।वैसे समय में उसे ठीक कराने के लिये चिकित्सक के पास ले जाना पड़ता है जो कि शारीरिक रूप से अस्वस्थ जीव का इलाज करके स्वस्थ बना देते हैं।चूँकि मनुष्य को जीवन जीने के लिये शरीर के अंदरबहुत सारे पौष्टिक खाद्य पदार्थों तथा प्राकृतिक एवं रासायनिक तत्वों की जरूरत होती है,जिसकी कमी होने से शरीर कमजोर होने लगती है तथा बिमारी का शिकार होता जाता है।
पृथ्वी में मनुष्य के साथ-साथ किसी भी जीव को जीवित रखने के लिये चिकित्सक की आवश्यकता होती है,जिसके बिना लोगों का जीवित रहना असंभव है।साथ ही अस्पताल में लिखा हुआ रहता है कि"ईश्वर से प्रार्थना कीजिए तथा चिकित्सक पर विश्वास कीजिए"। वर्तमान समय में जब भारत वर्ष के साथ-साथ संपूर्ण विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण का तेजी से प्रसार हो रहा है,जहाँ संकट की इस घड़ी में चिकित्सक तथा पुलिस कर्मियों ने अपने जान को जोखिम में डालकर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करने का प्रयास किया है, समाज के कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा चिकित्सक जो कि समाज के एक प्रतिष्ठित पेशा करने वाले होते हैं पर जानलेवा हमला करना या उसपर थूक फेंकने का प्रयास करना,अपने आप को मौत के सामने समर्पित किये जाने से कम नहीं है।वर्तमान समय में जब कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है,केवल चिकित्सक ही ऐसे ईश्वर के रूप में अवतरित हुये हैं जो कि कोरोना वायरस के फैलते हुये संक्रमण से लोगों की रक्षा कर सकते हैं।
आज यह एक निंदनीय तथा चिंतनीय सवाल उठता है कि जो अपने जान को खतरे में डालकर आपकी रक्षा करने का प्रयास कर रहा है ,उसके उपर जानलेवा हमला करने का प्रयास करना तथा उसके साथ बदतमीजी भरा व्यवहार करना मानव समाज के चेहरे को कलंकित करने वाला लगता है। इसलिये हम सभी लोग जो समझदार तथा विवेकशील हैं,को चिकित्सक समाज के साथ सुन्दर व्यवहार करना चाहिये ताकि संपूर्ण स्वास्थ विभाग के लोग मानव समुदाय के विपत्ति के घड़ी में ,विश्व हित में काम करते हुये लोगों की कोरोना वायरस के फैलते हुये संक्रमण से रक्षा कर सके।हम मानव हैं तथा मानव का एक अपना धर्म होता है लोगों के साथ सुन्दर व्यवहार करना।साथ ही चिकित्सक जो कि हमारे प्राणरक्षक होते हैं के प्रति सम्मान,आदर तथा विनम्रता का भाव दर्शित करना,जिससे हमारी मान-मर्यादा तथा प्रतिष्ठा बनी रहेगी से युक्त व्यवहार करना हमारा परम दायित्व बनता है। सुन्दर,अनुशासन प्रिय,नैतिकता युक्त व्यवहार करना हमारे जीवन की प्राथमिकता होगी,कि ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।
आलेख साभार-श्री विमल कुमार "विनोद" शिक्षाविद।

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