मनुष्य के जीवन की तीन अनिवार्य आवश्यकतायें थी भोजन वस्त्र और आवास ।लेकिन आज के समय में शिक्षा और स्वास्थ्य को भी अनिवार्य आवश्यकताओं की श्रेणी में शामिल कर दिया गया। अशिक्षा संसार की सारी समस्याओं की जननी है।क्योंकि विश्व की जितनी भी समस्यायें है उसके मूल में अशिक्षा ही है।शिक्षा के बिना न तो हम अपने अधिकारों के बारे में जान सकते हैं और न ही हमको क्या करना चाहिए का पता चल पाता है। शिक्षा प्राप्त करके ही हम दुनिया की हर बात को समझ सकते हैं। शिक्षा प्राप्त करके ही हम जिन्दगी की हर समस्या का समाधान कर सकते हैं और हमारे समाज तथा जीवन की तरक्की शिक्षा के बिना अधूरी रह जायेगी ।
इसलिए आज सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों के द्वारा शिक्षा को जन जन तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है। आज सरकार ने सोच रखा है कि समाज तथा पूरे देश का प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित बनाया जाय तभी हमारा भारत महान होगा एवं सभी लोग आगे बढ़ेंगे देश की तरक्की होगी लोग अपने अधिकारों को समझ पायेंगे। आइये हर घर में शिक्षा का अलख जगायें ।जब हर मनुष्य शिक्षित होगा तभी लोगों की तरक्की होगी बिना शिक्षा के लोगों का जीना मुश्किल है क्योंकि इसके बिना हमारा शारीरिक मानसिक राजनीतिक शैक्षणिक विकासवाद संभव नहीं है। आइये हर घर में शिक्षा का अलख जगायें अशिक्षा को दूर भगाने का प्रयास करें क्योंकि शिक्षा ही जीवन है जो कि हमारे जीवन की घोर अंधेरा को दूर भगाने का प्रयास करतीहै।
आलेख साभार-श्री विमल कुमार "विनोद"भलसुंधिया,गोड्डा(झारखंड)।
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