सनक - श्री विमल कुमार"विनोद" - Teachers of Bihar

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Thursday, 28 September 2023

सनक - श्री विमल कुमार"विनोद"


"सनक" का साधारण अर्थ होता है किसी कार्य को करने के लिये व्यक्ति के मन में एक"जज्बा"का होना।मनुष्य के जीवन में तरक्की के लिये किसी भी कार्य को करने के साथ-साथ,उस कार्य को करने के प्रति एक संकल्प लेने की जरूरत है तथा उस कार्य को करने के लिये मन में संकल्प लेने की जरूरत होती है,साथ ही संकल्प लेने के साथ-साथ उस काम को करने के लिये मानसिक रूप से प्रतिबद्ध होने की जरूरत है।मेरे विचार से"सनक"एक ऐसी प्रक्रिया है,जो कि मनुष्य को उसके कार्य को करने के लिये अतिरिक्त उर्जा प्रदान करती है,जो कि किसी कार्य को तेजी से करने के लिये बल का काम करती है।

   मुझे ऐसा लगता है कि सनक दो तरह के होते हैं-सकारात्मक तथा नकारात्मक।सकारात्मक सनक के द्वारा लोग मेहनत मजदूरी करके जीवन के उच्च शिखर को प्राप्त कर लेता है।मुझे लगता है कि कोई भी लगातार उच्च शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश करता है या लोग किसी कठिन कार्य को करने के प्रयास करता है,जो कि "सनक"का ही परिणाम हो सकता है।जब लोग किसी भी कार्य को मूर्त रूप देने की योजना बनाता है

 जो उसके अंदर उत्कृष्ट कार्य करने की जो योजना है वह उसको आगे बढ़ने की ओर प्रोत्साहित करता है,जिससे कि वह जीवन के सुन्दर-सुन्दर कार्यों को कर लेता है।

नकारात्मक रूप की सोच वाले लोग मानसिक तनाव में रहते हुये गलत कार्यों को अंजाम दे देता है।कोई भी व्यक्ति"सनक"में तभी गलत कार्य कर सकता है,जब वह मानसिक रूप से बीमार हो।साथ ही मानसिक रूप से बीमार होने के लिये वह नशीले चीजों का सेवन करता है,क्योंकि नशीली चीजों के सेवन करने से लोगों के मन- मस्तिष्क में चिंतन करने की शक्ति समाप्त हो जाती है।ऐसी स्थिति में लोग आवेश में आकर आपराधिक ,गलत तथा असामाजिक कार्यों की ओर भी कदम उठा लेते हैं,जिसके चलते भविष्य में सिर्फ पश्चाताप ही होता है।

अंत में हम कह सकते हैं कि जीवन में विकास तथा तरक्की करने के लिये लोगों में लगन तथा जज्बा की आवश्यकता होती है,लेकिन जीवन में किसी कार्य को मुकाम तक पहुँचाने के लिये उस कार्य के प्रति संकल्प लेने की भी जरूरत होती है,जो कि बिना "सनक"के संभव नहीं है,क्योंकि प्रत्येक कार्य बिना सनक के संभव नहीं है।"सनक"एक ऐसी गति है जो कि लोगों को किसी भी कार्य को करने के लिये एक प्रकार के उत्प्रेरक का काम करती है,जो कै लोगों को अपने मुकाम तक पहुँचाने में सफल होता है।


श्री विमल कुमार"विनोद"भलसुंधिया

गोड्डा(झारखंड)की लेखनी से।

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