मातृ दिवस
-------------------------------------
मातृ दिवस समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया।8 मई1914 को राष्ट्रपति वुडरो विलसन ने मई के दूसरे रविवार को एक संयुक्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया, जिसे मदर्स डे के रूप में मनाया गया।यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग अलग दिनों में मनाया जाता है।
मातृ दिवस माता को समान देने के लिए मनाया जाता है एक मां का आँचल अपनी सन्तान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता।
माँ का प्रेम अपनी सन्तान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है।एक माँ का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, एक माँ बिना ये दुनिया अधूरी है।
मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य माँ के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना भी है।
प्रस्तुत है मातृ दिवस पर गीतकार आनन्द बक्षी का गीत फ़िल्म राजा और रंक-
तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है।
प्यारी प्यारी है।
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ!
ये जो दुनिया है, ये बन है काँटों का, तू फुलवाड़ी है।
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ!
दुखन लागी है माँ तेरी अँखिया।
मेरे लिए जागी है तू सारी सारी रतिया।
मेरे निन्दिया पे, अपनी निन्दिया भी तूने वारी है।
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ!
अपना नहीं तुझे सुख दुःख कोई।
मैं मुस्काया, तू मुस्काई, मैं रोया तू रोई।
मेरे हँसने पे, मेरे रोने पे,तू बलिहारी है।।
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ!
माँ बच्चों की जान होती है।
वो होते हैं किस्मतवाले, जिनके माँ होती है।
कितनी सुन्दर है, कितनी शीतल है।न्यारी न्यारी है।
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ!
एक और गीत
-----------------------------
तेरी उँगली पकड़ के चला।
ममता के आँचल में पला।।
तेरी उँगली पकड़ के चला।
ममता के आँचल में पला।।
माँ, ओ मेरी माँ !
मैं तेरा लाडला।
बनके तेरा साया, मैं तुझको थाम लूँ।
उठके रब से पहले, मैं तेरा नाम लूँ।
रखु तुझे पलकों तले, पूजा करूँ तेरी।
तेरे सिवा तू ही बता, क्या जिन्दगी मेरी।
मैं तो तेरे सपनों के रंग में ढला।
तेरी उँगली पकड़ के चला।।
बच के अपने घर से सुख जाएगा कहाँ।
बदलेगा नसीब इक रोज मेरी माँ।
बचके अपने घर से सुख जाएगा कहाँ।।
मातृ दिवस के इस पावन अवसर पर दुनिया के तमाम माताओं को प्रणाम।
प्रेषक-- हर्ष नारायण दास
प्रधानाध्यापक,म०विद्यालय घीवहा।फारबिसगंज।

No comments:
Post a Comment