विज्ञान वरदान या अभिशाप - अमरनाथ त्रिवेदी - Teachers of Bihar

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Thursday 17 October 2024

विज्ञान वरदान या अभिशाप - अमरनाथ त्रिवेदी


आज का युग विज्ञान का युग है। आज इसके माध्यम से मानव का जीवनयापन बहुत आसान हो गया है। उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में आशातीत सफलता मिली है। विज्ञान के सहारे ही आज हम चाँद पर पहुँच सके हैं और उससे भी आगे जाने का इरादा बिल्कुल सुस्पष्ट है।

आज यातायात से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। नये वाहनों ने पुरानी वाहनों को बहुत पीछे छोड़ दिया है और प्रतिवर्ष निरंतर सुधार होता जा रहा है, जिससे मानव के लिए गाड़ी चलाना और आसान हो गया है। उसी प्रकार ट्रेनों में भी बहुत बदलाव देखने को मिल रहे हैं।


हवाई मार्गों पर चलनेवाले यानों में भी सतत रूप से सुविधाओं और सुरक्षा का विस्तार किया जा रहा है साथ ही उसमें गति भी पहले की अपेक्षा अधिक हुई है। इस कारण हमारी दूर की यात्रा भी कम समय में संपन्न हो रही है। दुपहिया वाहनों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह सब विज्ञान के बढ़ते प्रभाव और उसमें सन्निहित गतिशीलता का ही सुपरिणाम है।

विज्ञान के कारण ही हरित क्रांति को एक नई शक्ति मिली है, इसके तहत विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरक बने हैं और इसके उत्पादन में भी तेजी आई है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा नवीनतम शोधों और आविष्कारों से कृषि क्षेत्रों में तेजी से क्रांति देखने को मिल रही है। जिस कारण अन्न के पैदावार में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। आज अन्न के मामले में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। आज के युग में नए संचार माध्यमों से भी किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। मानव द्वारा निर्मित स्थित उपग्रहों ने भी प्रायः सभी क्षेत्रों में क्रांति ला दी है। इस कारण हमें मौसम संबंधी जानकारी समय से पूर्व ही मिल जाती है। दुनिया के संचार माध्यम भी इस कारण ही गतिशील हैं। रक्षा क्षेत्रों में भी विज्ञान ने अपनी धाक जमाई है और कई नए अत्याधुनिक हथियारों का आविष्कार किया है। इससे देश की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। देश की सुरक्षा मामले में भी उपग्रह अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं, जिससे देश की सीमा को सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है।

औद्योगिक क्षेत्रों में भी प्रचुर मात्रा में 

विज्ञान ने क्रांति पैदा की है । इसके फलस्वरूप इससे संबंधित संदर्भों में आशातीत सफलता मिली है। उत्पादन में गतिशीलता आई है और नए-नए सुविधाओं का विस्तार हो रहा है।

स्वास्थ्य संबंधी मामले में भी विज्ञान की उपलब्धि काबिलेतारीफ है । इसके सहारे आज कई रोगों पर हमारा आधिपत्य हो गया है, हम उसे पूरी तरह से मिटा चुके हैं। हृदय रोग , अस्थि रोग और दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की जान बचाई जा रही है जो पहले मुश्किल ही नहीं असंभव भी था ।आज हम मोबाइल के युग में जी रहे हैं। आज हमारा संसार इस कारण छोटा पड़ गया है। लोग घर बैठे दुनिया के किसी कोने में रह रहे व्यक्ति से बात कर सकते हैं। मोबाइल के कारण टीवी, रेडियो, टॉर्च, रिकॉर्डर, कैमरा आदि की उपयोगिता प्रायः समाप्त हो गई है क्योंकि सभी चीजें अब छोटे से मोबाइल के माध्यम से ही हो रही है।

अतः हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे है कि विज्ञान ने हमें जीवन आधारित अनेक सुविधाएँ दी हैं जिसके कारण मानव आज विज्ञान का ऋणी है।

आज विज्ञान की प्रासंगिकता किसी से छिपी नहीं है। प्रायः प्रत्येक क्षेत्रों में इसने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। मनुष्य के जन्मकाल से अंतिम क्षण तक के कार्यों में विज्ञान अपना योगदान दे रहा है।

विद्यार्थियों के लिए भी विज्ञान ने बहुत से कार्य किए हैं । लैपटॉप से वे आसानी से दूर बैठे शिक्षक से ज्ञान प्राप्त करते हैं तथा मोबाइल से भी सदुपयोगी ज्ञान की प्राप्ति होती है ।

विद्यार्थी के विवेक पर निर्भर करता है कि वे इस मामले में हंस की तरह आचरण करते हैं या कौवे की तरह।कुछ विद्यार्थी अपने श्रेय मार्ग से इस कारण से गिर जाते हैं जो उन्हें नहीं अपनाना चाहिए था परन्तु कुसंगति में आकर वे अपना निर्दिष्ट पथ भूल जाते हैं। यह दरअसल उनका ही दोष माना जाएगा। अवसर को सुअवसर में बदलने का नजरिया प्रत्येक विद्यार्थी और व्यक्ति को होना चाहिए तभी वे सक्षम और सफल नागरिक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।

 हमारे उपयोग पर निर्भर करता है कि विज्ञान को हम वरदान के रूप में देखते या अभिशाप के रूप में। इस मामले में विज्ञान की उपादेयता को किसी हालत में नकार नहीं सकते । अगर हमारे बीच आज विज्ञान की चकाचौंध न होती तो आज हम किस हालत में होते, अच्छी तरह समझा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप आग प्रज्वलित कर भोजन भी बना सकते हैं और किसी घर को जला भी सकते हैं। अतः विज्ञान को वरदान या अभिशाप के रूप में अपनी बुद्धि के अनुसार परिवर्तित कर सकते हैं।



अमरनाथ त्रिवेदी 

पूर्व प्रधानाध्यापक

उच्चतर विद्यालय बैंगरा 

प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर

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