व्यक्तित्व जीवन की अमूल्य निधि -श्री विमल कुमार"विनोद" - Teachers of Bihar

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Thursday, 3 October 2024

व्यक्तित्व जीवन की अमूल्य निधि -श्री विमल कुमार"विनोद"


 

मनुष्य इस संसार का सबसे विवेकशील तथा चिंतनशील प्राणी कहलाता है। साथ ही मनुष्य जीवन के निर्माण का एक प्रमुख उद्देश्य "व्यक्तित्व का निर्माण" करना होना चाहिए 

जो कि किसी भी मनुष्य के जीवन के संबंध में एक अमूल्य छाप छोड़ता है।व्यक्तित्व के निर्माण के बिना मनुष्य के जीवन का कोई भी अस्तित्व नहीं रह जाता है।

साधारण रूप से व्यक्तित्व का तात्पर्य बाहरी दिखावे से लगाया जाता है, जबकि मनोविज्ञान के अंतर्गत इसका प्रयोग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और सामाजिक गुणों के उस एकीकृत तथा गत्यात्मक संगठन के लिए किया जाता है।

व्यक्तित्व का अंग्रेजी (Personality) जो कि लैटिन शब्द(Persona) से बना है,

जिसका अर्थ है- मुखौटा या नकाब। "Persona" का अभिप्राय

उस पहनावे या वेशभूषा से था,

जिसे पहनकर नाटक के पात्र अभिनय करते थे। वर्त्तमान समय में"व्यक्तित्व" शब्द से तात्पर्य ऐसे संगठन से है जिसमें बहुत से मानवीय गुण निहित रहते हैं।

मेरा यह आलेख "व्यक्तित्व जीवन की अमूल्य निधि "मनुष्य के अंदर जो नैतिकता, सद्व्यवहार,

कार्य के प्रति समर्पण तथा सजगता, मानवता के साथ-साथ

सामाजिकता के गुणों से ओत-प्रोत की बात आती है, पर आधारित है।

मनुष्य के जीवन में बहुत सारे शीलगुण होते हैं जिसमें प्रसन्नता,

परोपकारिता, सत्यनिष्ठा, मित्रता,

उत्तरदायित्व, आत्मविश्वास,

सत्यवादिता इत्यादि होते हैं,जो किसी भी मनुष्य के जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।

"व्यक्तित्व" के लिये काला-गोरा होना, लंबा या नाटा होना, चेहरा का खुबसूरत होना आवश्यक नहीं है, बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि कोई भी मनुष्य अपने जीवन के कर्त्तव्य बोध पर कितना खरा उतरता है।

हम एक शिक्षक हैं, जिसके कंधों पर बच्चों के भविष्य के निर्माण की जिम्मेवारी सरकार तथा समाज ने दे रखी है। इस समाज

में हमारा चाल-चलन,आचार-

विचार, व्यवहार, कार्य के प्रति सजगता, कर्तव्यनिष्ठा ही मुख्य रूप से हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण करता है, जिससे समाज में उसकी एक सुन्दर छवि बनेगी जो कि उनके जीवन की"अनमोल 

धरोहर" होगी। किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार तभी आता है,जब वह व्यक्ति अपने जीवन का विश्व समुदाय के हित में 

सदुपयोग करें।

आइये हम सभी मिलकर, अपने

जीवन के उज्ज्वल तथा स्वर्णिम

मार्ग पर अग्रसर होते हुए एक सुन्दर व्यक्तित्व का निर्माण करते हुए विश्व समुदाय के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करने का प्रयास करें।



श्री विमल कुमार"विनोद" भलसुंधिया

गोड्डा, झारखंड

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