सड़क दुर्घटना: कारण और निवारण - अमरनाथ त्रिवेदी - Teachers of Bihar

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Saturday, 5 October 2024

सड़क दुर्घटना: कारण और निवारण - अमरनाथ त्रिवेदी


आज सड़क पर चलनेवाला कोई भी व्यक्ति अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता क्योंकि अंधाधुंध चलती गाडियाँ किसको कब अकाल काल कवलित कर दे,किसका घर उजाड़ दे, कहा नहीं जा सकता। 

भारत में प्रतिवर्ष लगभग पौने दो लाख लोगों की मृत्यु का कारण केवल सड़क दुर्घटना ही होती है। इसमें दुपहिया वाहन चालकों की मौत की बड़ी संख्या, डरावनी तस्वीर पेश करती है।

परंतु दुर्घटना के कारणों पर यदि गौर किया जाए तो बहुत से तथ्य 

सामने निकलकर आते हैं जो इस प्रकार हैं-

1. जनसंख्या विस्फोट- भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या दुर्घटना के कारणों में से एक है क्योंकि सभी क्रियाएँ इसी के इर्द- गिर्द घटित होती हैं।

2. अत्यधिक गाड़ियों का चालन - जब अधिक संख्या में गाडियाँ सड़क पर चलती हैं तो खतरे की आशंका भी उतनी ही बढी होती है।

3. चालकों के सही प्रशिक्षण का अभाव- यह भारत में बहुत बड़ी त्रासदी है कि यहाँ चालकों को सड़क पर गाड़ी चलाने से पूर्व समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं कराई जाती, जिस कारण चालक अपनी सही जिम्मेवारी का सम्यक निर्वहन नहीं कर पाते। जिसके फलस्वरूप इतनी संख्या में लोगों की जानें चली जाती हैं।


4. सड़क की स्थिति ठीक न होना- बहुत-सी सड़कों की स्थिति ठीक न होने के कारण भी उस पर चलनेवाली गाड़ियाँ पलटती हैं जिसकी चपेट में आने से जान- माल की क्षति होती है।


5. मौसम के कारण - भारत में, खासकर उत्तर भारत में जाड़े के मौसम में आमतौर पर रात्रि के समय धुंध लग जाता है और आगे बहुत कम दिखाई पड़ता है, जिस कारण चालक अपना संतुलन नहीं बना पाते, नतीजतन गाड़ी सड़क के नीचे या अन्य गाड़ियों की चपेट में आ जाती है।

6. भूस्खलन के कारण- पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण भी आए दिन सड़क दुर्घटनाएँ देखने सुनने को मिलती रहती हैं। यात्री अपने गंतव्य स्थान पहुँचने से पूर्व ही हादसे का शिकार हो जाते हैं ।

7. बच्चों को समय से पूर्व बिना प्रशिक्षण के दुपहिया वाहन चलाने के लिए देना- कुछ ऐसे भी परिवार देखने को मिलते हैं जहाँ चौदह पंद्रह वर्ष या इससे भी छोटी आयु के बच्चों को गाड़ी चलाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे उस बच्चे समेत दूसरे लोग भी असमय ही काल-कवलित होते देखे जाते हैं।

8. चालकों द्वारा नशा का सेवन - जो चालक नशा करने के उपरांत गाड़ी चलाते हैं उनसे भी सड़क हादसे में बढ़ोतरी होती है क्योंकि उनका नियंत्रण उस समय गाड़ी पर नहीं रहता।

9. बिना चेक किए गाड़ी को चलाना - कभी-कभी चालक दल द्वारा बिना गाड़ी चेक किए ही सवारी गाड़ी को बढ़ा दिया जाता है, जिस कारण कभी ब्रेक फेल तो कभी टायर ट्यूब फटने से अकस्मात लोग दुर्घटना की चपेट में आ जाते हैं।

10. तेज रफ्तार में गाड़ी का परिचालन- आज की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि चालक द्वारा गाड़ी का तेज परिचालन किया जाता है जिससे आए दिन सड़क दुर्घटना में काफी तेजी देखने को मिलती है।


 उपर्युक्त सभी संदर्भों पर विचार करने के उपरांत हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि चालक द्वारा कई स्तरों पर लापरवाही के कारण सड़क दुर्घटना में तेजी से वृद्धि हुई है।

इन सभी कारणों को दूर कर निश्चित रूप से सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।

विद्यार्थियों से यह अपील है कि वे हमेशा सड़क पर बाईं तरफ ही चलें।

रेल लाइन पार करते समय सजगता के साथ दोनों तरफ देखते हुए आगे बढ़ें।

यातायात नियमों के तहत लाल, पीली और हरी बत्ती के संकेतों को समझते हुए गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुँचें।



अमरनाथ त्रिवेदी

पूर्व प्रधानाध्यापक 

उच्चतर विद्यालय बैंगरा 

प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर 

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