१.प्रस्तावना:
भारत एक विशाल और विविधताओं से भरा हुआ लोकतांत्रिक देश है। यहाँ की सबसे बड़ी शक्ति जनता है, जो चुनाव के माध्यम से अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। लोकतंत्र के इस उत्सव को सफल बनाने और प्रत्येक नागरिक को मताधिकार का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल २५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर भारतीय नागरिक को उसकी जिम्मेदारी और अधिकार की याद दिलाता है कि मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि देश के भविष्य निर्माण की प्रक्रिया में भागीदारी का सबसे प्रभावी माध्यम है।
२. राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व-
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व- हमारे संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ा हुआ है। भारतीय संविधान ने हर नागरिक को स्वतंत्र, निष्पक्ष और गोपनीय मतदान का अधिकार दिया है। लोकतंत्र का आधार जनता है, और जनता का सशक्तिकरण तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपने मताधिकार का उपयोग करे।
३.मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य है-
क. मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना-
लोगों को मतदान के महत्त्व और इसकी प्रक्रिया के प्रति शिक्षित करना।
ख. नए मतदाताओं को जोड़ना-
१८ वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं का नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करना।
ग. लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाना-
यह दिन लोगों को याद दिलाता है कि वे देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।
४. राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास-
भारत में २५ जनवरी १९५० को भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी। निर्वाचन आयोग ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए। लेकिन कई लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता की कमी और चुनाव प्रक्रिया से दूरी को देखते हुए वर्ष २०११ में तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल की सरकार ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत की। इसका उद्देश्य न केवल मतदाता जागरूकता बढ़ाना था, बल्कि नए मतदाताओं को इस प्रक्रिया से जोड़ना भी था।
५. मतदान का महत्त्व और प्रभाव-
मतदान केवल एक संवैधानिक अधिकार नहीं, बल्कि देश के शासन और भविष्य को तय करने का सबसे सशक्त माध्यम है। जब हम मतदान करते हैं, तो हम न केवल अपनी राय व्यक्त करते हैं, बल्कि यह तय करते हैं कि हमारे लिए सबसे बेहतर सरकार कौन होगी। मतदान का महत्त्व निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है-
1. लोकतंत्र की मजबूती-
मतदान जनता को यह शक्ति देता है कि वह अपनी सरकार का चयन कर सके।
2. जनता की भागीदारी-
यह एक ऐसा माध्यम है जिससे नागरिक सक्रिय रूप से देश के विकास में योगदान दे सकते हैं।
3. न्यायपूर्ण समाज का निर्माण-
जब हर वर्ग के लोग मतदान में भाग लेते हैं, तो यह सुनिश्चित होता है कि सरकार सभी की आवश्यकताओं का ध्यान रखेगी।
६. राष्ट्रीय मतदाता दिवस और युवा मतदाता-
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विशेष रूप से युवा मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। १८ वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाता देश के भविष्य निर्माता माने जाते हैं। इस दिन उन्हें मतदाता पहचान पत्र प्रदान किया जाता है और उन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।
७. युवाओं की जिम्मेदारी-
अपनी राजनीतिक समझ विकसित करें।
सही और योग्य उम्मीदवार का चयन करें।
अपने परिवार और समाज को मतदान के प्रति प्रेरित करें।
८. राष्ट्रीय मतदाता दिवस की चुनौतियाँ-
1. जागरूकता की कमी:
आज भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कई लोग मतदान के महत्त्व को नहीं समझते।
2. शहरी मतदाताओं की उदासीनता-
बड़े शहरों में लोग मतदान के दिन इसे छुट्टी मानकर समय व्यतीत करते हैं।
3. भ्रष्टाचार और धनबल का प्रभाव-
कुछ क्षेत्रों में पैसे और ताकत का उपयोग लोगों को प्रभावित करने के लिए किया जाता है।
4. तकनीकी बाधाएँ-
कई बार मतदाता सूची में त्रुटियाँ या मतदान केंद्रों तक पहुँचने में कठिनाई होती है।
९. समाधान:
व्यापक जागरूकता अभियान चलाना।
स्कूलों और कॉलेजों में मतदान की प्रक्रिया और महत्त्व पर कार्यशालाएँ आयोजित करना।
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके युवाओं को जागरूक करना।
निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाना।
१०. राष्ट्रीय मतदाता दिवस का संदेश-
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य संदेश है कि हर नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करे। यह लोकतंत्र की सफलता और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।
११. प्रेरक वाक्य:
"आपका वोट, आपका अधिकार। इसका उपयोग करें।"
"देश के भविष्य का निर्माण आपके एक वोट से होता है।"क्ष
१२. निष्कर्ष-
राष्ट्रीय मतदाता दिवस केवल एक दिन नहीं बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने का अवसर है। यह दिन हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराता है और हमें प्रेरित करता है कि हम न केवल स्वयं मतदान करें, बल्कि दूसरों को भी इसके प्रति प्रेरित करें।
१३.आइए, इस राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर हम सब यह संकल्प लें-
"हम अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और लोकतंत्र को मजबूत बनाएँगे।"
जय हिंद! जय भारत! जय भारत का लोकतंत्र!
सुरेश कुमार गौरव, उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)
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