इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया माँगेंगे ||
1 मई, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस की ढेरों शुभकामनाओं के साथ,
मैं आपका दोस्त अरविंद कुमार।
"हे रिक्शा! अरे हे ऑटो! ऐ टैक्सी, जोन, मज़दूर, लेबर, कामचोर, आलसी, कोरिहट, बेगार..."
ये सभी मेरे कुछ प्रमुख नाम हैं। वैसे अलग-अलग जगहों पर हमारे अलग-अलग नाम हैं,
मगर कमोबेश हमारे सभी नाम उपेक्षित ही हैं।
जी हाँ, आपने सही पहचाना — हम मज़दूर हैं।
वैसे तो हर मेहनतकश मज़दूर ही है,
चाहे उसके हाथ में लैपटॉप हो या कुदाल...
मगर हम स्पेशल मज़दूर हैं —
हमारी जाति, धर्म, मजहब, सब कुछ मज़दूरी है।
हम हर जाति और धर्म में मौजूद हैं।
तपती धूप में जब आप छाते, पंखे, कूलर, AC में होते हैं,
तब हम लू व उमस में अपना मज़दूर धर्म निभा रहे होते हैं।
कंपकंपाती ठंड और बरसात में,
जब सर्दी आपके पास जाने से भी डरती है,
तब हम आग जलाकर उस ठंड का दीदार करते हैं।
हम खेतों में पसीना बहाकर अनाज पैदा करते हैं,
फिर जब उसी अनाज को बाज़ार में बेचते हैं,
तो उसकी कीमत घट जाती है।
मगर वही अनाज बाज़ारों में ऊँची कीमत पर बिकता है।
ये हमारे लिए एक अनसुलझी पहेली है।
असहनीय महंगाई की मार हमें खून के आँसू रुला देती है।
देश आज़ाद हुआ,
हमें संवैधानिक हक भी मिला।
अमेरिका में हुए मज़दूरों की शहादत के कारण
हमारे सम्मान में मज़दूर दिवस भी मनाया जाने लगा।
मगर क्या इस दिवस पर आपने हमें सम्मानित होते देखा है?
शायद ना के बराबर।
आज भी हम मज़दूर,
सामाजिक और मानसिक रूप से
अपने ही समाज में उपेक्षित हैं।
हम सड़क, पुल, पुलिया, ऊँची इमारतें,
कल-कारखानों, और साफ़-सफ़ाई के कार्यों में
अपना पसीना बहाते हैं,
मगर हमें उचित मज़दूरी देने में भी
षड्यंत्र रचे जाते हैं।
हालांकि बुद्धिजीवी वर्ग की चुप्पी के कारण
असमान मज़दूरी की समस्या
दूसरे महकमों में भी पाँव पसार रही है,
जिस पर चिंतन की आवश्यकता है।
मगर लाख परेशानियों के बावजूद भी
हमें अपने गाँव, समाज, और देश से बहुत प्यार है।
देश को संवारने में हमारा योगदान अस्वीकार्य नहीं है।
हम निर्माणकर्ता हैं, विध्वंसक नहीं।
अंततः, हम यही कहना चाहते हैं —
बेशक हम मज़दूर हैं,
मगर हम भी आपके समाज से ही हैं।
हमें आपके प्यार की ज़रूरत है।
सरकारी योजनाओं के लाभ तक पहुँचने के लिए
आप पढ़े-लिखे लोगों का सहयोग आवश्यक है,
तभी हमारे बच्चों का भविष्य बेहतर हो सकेगा।
धन्यवाद!
अरविंद भार्गव
म.वि.रघुनाथ पुर गोठ
भरगामा, अररिया

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