लोको मोको डिंग डांग - Teachers of Bihar

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Monday, 14 July 2025

लोको मोको डिंग डांग



मो.ज़ाहिद हुसैन


(संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा- अंतिम भाग)

    व्हाइट हिल में सहेलियां एक दूसरे को चिढ़ाने के लिए अजब-गजब नाम बुनते हैं। बोनफायर के दिन सहेलियां कटुता को भूल कर नाचते-गाते और खुशियाँ मनाते हैं। 

पहाड़ में बहुत ठंड पड़ती है। बबली के स्कूल व्हाइट हिल में शिक्षण-सत्र अप्रैल से मार्च तक न होकर, मार्च से फरवरी तक होता है; इसलिए साल के अंत में अधिक ठंड पड़ने के कारण दिसंबर के प्रथम सप्ताह में ही छुट्टियां हो जाती है। स्कूल छोड़ने के दिन ही रात में बोनफायर मनाया जाता है, जिसमें अलाव जलाकर चारों तरफ लड़कियां घूम-घूम कर नाचती गाती और खुशियां मनाती हैं। यह पापों के त्यागने का उत्सव होता है। माना जाता है कि जो भी पाप या गलतियां या भूल-चूक हुई हैं, उसे अग्नि में भस्म कर दिया जाता है और फिर सत्य के मार्ग पर चलने का प्रण किया जाता है।  बोनफायर के दिन छात्राएं उजाले में जीने की कसमें खाती हैं। एक दूसरे  के बीच नफरत को भुला, फिर आगे बढ़ने की सोचते हैं। कुछ इस तरह लड़कियां गाती और बजाती हैं-

Bone fire lyrics 

"If your soul has grown weary, and your heart feels tired 

Let the water wash away your sins

And if the snow begins to fall, and you can't find the fire 

Let the water wash away your sins 

If the night time lasts forever, but days are cruel and mean 

Let the water wash away your sins-------------"

   बोन फायर के दिन अपने सहेलियों को निक नेम से चिढ़ाने के लिए एक दूसरे से क्षमा मांगते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं कि अगले साल अच्छा कटे। आपस में कटुता को भुलाकर खुशियां मनाते हैं, झूमते और गाते हैं। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। हे, प्रभु हमें सद्बुद्धि दें।

"Dill doll ding dong

Live and be live long 

Loco Moco sing a song 

Suchi Muchi nothing wrong 

Mercy, God forgive us   shan't tease them thus

Let's go on a right path 

no lie, no hodge podge"

डिल, डॉल, डिंग, डांग, लोको, मोको, सूची, मुच्ची आदि सहेलियों के नाम बुने जाते है, जिस नाम से विद्यालय में एक-दूसरे को चिढ़ाया करते हैं।

बस, अंत में यही कहा जा सकता है कि बबली के पिता सिलविया ईस्टर्न वार्नर, जीन पियाजे, सिगमंड फ्रायड, स्किनर, ब्रूनर और वाइगोटस्की को भले ही न पढ़े हों, लेकिन उन्होंने मनोविज्ञान और बच्चों की समस्या का समाधान जिंदगी की किताबों में अवश्य पढ़ लिए होंगे ।

   

संदर्भ: मो.ज़ाहिद हुसैन;"शिक्षण तकनीकी की रूपरेखा"(2022), रेड शाइन पब्लिकेशन

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