यात्रा वृत्तांत- लावा(पश्चिम बंगाल) - Teachers of Bihar

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Friday, 1 August 2025

यात्रा वृत्तांत- लावा(पश्चिम बंगाल)

 मित्रों! अगर आप शहर की गर्मी से परेशान हैं, गाड़ियों के हॉर्न ने आपके कानों में दम कर रखा है, और आप बिल्कुल थके - थके महसूस कर रहे हैं, तो चलिए पश्चिम बंगाल के एक सुंदर से छोटे से शहर लावा में जहां आपको मिलेंगे प्राकृतिक झरने और ध्वनियों में केवल पशु पक्षियों की आवाज़ें। चित्त को शांत कर देने वाली ठंडी हवाएं और यहां का तापमान जो कि दार्जिलिंग से भी कम है। अगर आप रोमांस पसंद करते हैं तो आप लावा की यात्रा के दौरान कैंपिंग भी कर सकते हैं। जिससे आप प्रकृति के और करीब आए पाएंगे। गुम्बा दारा से समथर तक ट्रैकिंग कर सकते हैं जो लावा के बिल्कुल करीब है। एक बेहद दिलचस्प बात यह कि यहां के बाज़ार में अधिकतर दुकानें सिवान और सारण जिले के लोगों का है। तो आप आराम से हिंदी के अलावे भोजपुरी में भी अधिकांश लोगों से बतिया सकते हैं।

यात्रा वृतांत में आज मैं आप सबको लेकर चलती हूँ, पश्चिम बंगाल के लावा पर्यटन स्थल पर। हालांकि लोग अधिकतर दार्जिलिंग और सिक्किम के बारे में ही जानते हैं लेकिन मैं आज आप लोगों को यात्रा वृत्तांत में लेकर चल रही हूँ "लावा" जहाँ जाकर आपको मिलेगा बेहद सुकून। इस स्थान पर जाते ही ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रकृति ने इसे अपने हाथों से सजाया हो। प्रदूषण शून्य, चारों तरफ हरियाली और ठंड का एहसास ऐसा वातावरण जो आपको बिल्कुल आत्मा से तृप्त कर दे।

पश्चिम बंगाल में "लावा" पूर्वी हिमालय में बस एक छोटा सा बहुत सुंदर शहर है। यह दार्जिलिंग जिले के अलगराह के रास्ते कलिंगपोंग शहर से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गर्मियों में यह शहर दार्जिलिंग से भी अधिक ठंडा रहता है। तो हम लोग निकल चुके हैं लावा की यात्रा पर।

सबसे पहले आपको आना होगा सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी में बस स्टैंड से ही आपको बस मिल जाएंगे और बस का किराया भी बहुत कम है यहां दो सौ से ढाई सौ के बीच में आपको आराम से बस मिल जाएंगे।

मात्र चार से पाँच घंटे के बीच में आप इस मनोरम पर्यटन स्थल तक पहुंच सकते हैं।

आपकी यात्रा शुरू होते ही मार्ग में आपको दिखेंगे शंकु धारी पेड़ों के घने जंगल। लावा के मार्ग में आपको उष्णकटिबंधीय पर्णपाती से लेकर देवदार और बर्च के गिले, अल्पाइन के पेड़ो तक का आकर्षण आपको मिल जाएगा देखने को। एक बेहद रोचक बात यह है कि यहां जो मार्केट है उसमें अधिकतर दुकानें बिहार के सिवान और सारण जिले के लोगों का है बहरहाल आप आराम से भोजपुरी में भी बतिया सकतें हैं।

उसके बाद यहां पर बेहद किफायती दरों में होटल भी उपलब्ध है आपको मात्र पन्द्रह सौ में यहां पर अच्छे होटल मिल जाते हैं। हालांकि मौसम के अनुसार दरों में परिवर्तन भी होता है। लावा पश्चिम बंगाल के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां सर्दियों में बर्फबारी होती है। लावा प्रसिद्ध नेवरा वैली नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है और शंकु धारी पेड़ों के घने जंगल से गिरा हुआ है।

यहां आपको कई खूबसूरत मठ और मंदिरों को भी दर्शन होंगे और आसपास अधिकांश पर्यटक आकर्षण और दार्शनिक स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं। यह एक शांत पर्यटन स्थल है जहां आपको नेवर राष्ट्रीय उद्यान के वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ मिल सकता है और वहां पर जाने वाले पौधों और जानवरों की प्रकार के बारे में भी आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं इतना ही नहीं यहां आपको रास्ते में ही इतने प्रकार के फूल मिल जाएंगे कि आप गिनती भी भूल जाएंगे। एक से बढ़कर एक सुंदर फूलों से तराशा है प्रकृति ने लावा को। तो मित्रों आप भी अवश्य लावा घूमने जाएं।



निधि चौधरी

P.S.BIRNABARI

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