गार्बेज कैफ़े : एक उत्कृष्ट सामाजिक और पर्यावरणीय नवाचार का मॉडल : - - Teachers of Bihar

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Wednesday, 29 October 2025

गार्बेज कैफ़े : एक उत्कृष्ट सामाजिक और पर्यावरणीय नवाचार का मॉडल : -

अवधेश कुमार

परिचय : - अम्बिकापुर शहर छत्तीसगढ़ में है और यहाँ एक बहुत ही अनोखा कैफे है, जिसका नाम है "गार्बेज कैफे"। यह कैफे देश भर में प्लास्टिक प्रदूषण और भूख की समस्या के समाधान के लिए एक प्रेरक मॉडल बन चुका है । यह अनूठा कैफे वर्ष 2019 में नगर निगम द्वारा शुरू किया गया था, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में इसे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सराहा है ।


★ गार्बेज कैफे कैसे काम करता है? 


यहाँ कोई भी बच्चा, बड़ा या गरीब व्यक्ति अगर 1 किलो प्लास्टिक लाता है, तो उसको भरपेट खाना मिलता है। आधा किलो प्लास्टिक लाने पर नाश्ता मिलता है जैसे—समोसा, बड़ा, पियाजी या कचौड़ी।

यह प्लास्टिक शहर में इधर-उधर फैला कचरा होता है। बच्चे, सफाईकर्मी, या गरीब लोग इसे इकट्ठा कर लाते हैं।

प्लास्टिक से शहर साफ होता है, और लाने वाले को अच्छा खाना मिलता है। कचरा बीनने वाले लोग असली योद्धा है और ऐसे लोग पर्यावरण संरक्षण की रीढ़ है । 


उद्देश्य और लाभ :- 


- **स्वच्छता अभियान:** अंबिकापुर देश के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक है और यहां का जीरो वेस्ट मॉडल (Zero Waste Model) पूरे देश में अनूठा उदाहरण माना जाता है ।


- **रोजगार सृजन:**

- सफाई कर्मचारियों और कचरा बीनने वालों को इससे अतिरिक्त आमदनी का स्रोत प्राप्त हुआ है। 


- **पर्यावरण सुरक्षा:** 

- कैफे द्वारा एकत्रित प्लास्टिक कचरा नगर निगम रीसाइक्लिंग प्लांट तक पहुंचाता है, जिससे सर्कुलर इकोनॉमी और कचरे का पुनः उपयोग बढ़ावा मिलता है। 


- **गरीबों को भोजन:** फुटपाथ पर रहने वाले मजदूर, कचरा बीनने वाले, बच्चे और शहरी गरीब रोजाना प्लास्टिक लेकर यहाँ मुफ्त भोजन पाते हैं; इससे उन्हें दोहरी मदद मिलती है—भोजन व रोजगार ।


- **सामाजिक जागरूकता:** 

- इसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने से देशभर के अन्य राज्य भी इसे अपनाने लगे हैं।


★ बच्चों के लिए संदेश और निष्कर्ष : 

गंदगी से बीमारियाँ फैलती हैं और प्लास्टिक सालों तक नष्ट नहीं होता। अगर हम सब मिलकर गार्बेज कैफे जैसी पहल करें, तो शहर भी साफ रहेगा और किसी को भूखा नहीं रहना पड़ेगा। अपने शहर, स्कूल या मोहल्ले में भी ऐसे प्रयास करें कि – कचरा बीनें, उसे सही जगह दें और कचरे साफ करने वाले को मिलकर प्रोत्साहित करें और स्वच्छ भारत बनाएं ।


प्रस्तुति - अवधेश कुमार

उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रसुआर

मरौना , सुपौल

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