बिहार का गौरवशाली इतिहास। - Teachers of Bihar

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Thursday, 20 March 2025

बिहार का गौरवशाली इतिहास।

बिहार का नाम आते ही सबसे पहले इसकी ऐतिहासिक विरासत का स्मरण होता है, यह वही भूमि है , जहां महात्मा बुद्ध को पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुई थी और जहां, भगवान महावीर ने पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था। यह वही प्रदेश है , जिसने महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट को जन्म दिया , जिनकी खोजों ने गणित और खगोलशास्त्र को नई दिशा दी। आर्यभट्ट, जिनका जन्म कुसुमपुर ( आधुनिक पटना ) में माना जाता है, ने दशमलव प्रणाली में शून्य का प्रयोग कर गणित जगत में क्रांतिकारी योगदान दिया। बिहार का इतिहास अपनी समृद्ध विरासत के कारण आज भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय इसकी गौरवशाली विरासत का एक प्रमुख उदाहरण है । 

बिहार दिवस मनाने का उद्देश्य :-  

बिहार को पृथक राज्य का दर्जा 22 मार्च 1912 ई . को मिला जब यह बंगाल से अलग हुआ था। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 2025 का थीम है ' उन्नत बिहार, विकसित बिहार '

इस थीम के तहत बिहार के विभिन्न शहरों जैसे , पटना, गया, मुजफ्फरपुर , भागलपुर, दरभंगा एवं अन्य जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सरकारी स्तर पर भी प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने की पहल देखने को मिलेगी, ताकि यहां के लोग अपने बिहार की संस्कृति विरासत को जान सके।


हाल के वर्षों में बिहार स्टार्टअप , डिजिटल टेक्नोलॉजी और उधोगों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। हालांकि , बेरोजगारी , बाढ़ और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता अब भी बनी हुई है, बिहार दिवस 2025 हमारे लिए यह संकल्प लेने का अवसर है कि हम अपने गौरव शाली इतिहास से सीखते हुए इसे शिक्षा, उद्योग और नवाचार के केंद्र के रूप में विकसित करें और आने वाली पीढ़ी को अपने प्रांत बिहार की गौरवशाली एवं समृद्ध विरासत व इतिहास को विस्तार से बता सकें ।


आधुनिक बिहार भी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को संजोए हुए है, जहां मिथिला पेंटिंग, लोकगीत, छऊ नृत्य, पान - मखान और मछली , लिट्टी - चोखा , भोजपुरी संस्कृति एवं अनेकों उदाहरण देखने को मिलते है । तो आइए हम - सभी मिलकर इस नए बिहार में एक नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच के साथ बिहार के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए बिहार दिवस मनाए एवं अपने बिहार पर गर्व महसूस कर सकें।

आशीष अम्बर (शिक्षक)

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी

प्रखंड - केवटी

जिला - दरभंगा (बिहार)

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