Tuesday, 21 April 2020
New
रुक गई शादी-चन्द्रशेखर प्रसाद साहु
रुक गयी शादी
--------------
आज आरती विद्यालय में ज्यादा भाग-दौड़ कर रही थी। वह कक्षा में भी अशांत थी। वह कई छात्राओं से कानाफूसी भी कर रही थी। कक्षा में उसकी ऐसी हरकत देख मैं कुछ अप्रसन्न हो गया - "क्या बात है आरती, पूरे क्लास को क्यों डिस्टर्ब कर रही हो"? मेरे टोकने पर वह सकपका गई। अब वह शांत हो गई थी और मैं जो पढ़ा रहा था, उसे ध्यान से सुनने-समझने लगी थी। घंटी समाप्त होने के पश्चात मैं कक्षा से बाहर निकल गया।
उसी दिन मध्यावकाश में मध्याह्न भोजन कर लेने के बाद आरती दो-चार छात्राओं के साथ कार्यालय में आई। मैंने उन्हें देखकर पूछा- "कहो, क्या बात है"?
"सर, आठवीं कक्षा की जो रूपा है न! उसकी शादी होने वाली है इसलिए अब वह विद्यालय नहीं आएगी"।
आरती यही बात सभी को बताने में पूरे दिन सक्रिय रही थी। "ऐसा क्यों? अभी तो वह नाबालिग है। उसके माँ-बाप उसकी शादी कम उम्र में क्यों कर रहे हैं"? मैंने उससे पूछा। "सर, रूपा की माँ नहीं है! उसके बाबूजी उसकी शादी जबरन करा रहे हैं", आरती बोली। "देखो तुम लोग जानती हो न कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी करना गैरकानूनी है। ऐसा करो, "तुम लोग कल रूपा के घर जाओ और उसके बाबूजी को समझाओ"। मैंने मीना मंच की अन्य बालिकाओं को भी रूपा के घर जाने के लिए समझाया।
अगले दिन छात्राओं का झुण्ड रूपा के घर पहुँची। आरती, श्वेता, रुपावली, निशा आदि छात्राओं ने रूपा के बाबूजी को समझाया- "रूपा की उम्र अभी शादी के लायक नहीं है। आप अभी इसे पढ़ने का अवसर दीजिए, कम उम्र में इसकी शादी कर इसका जीवन बर्बाद मत कीजिए। 18 वर्ष से कम उम्र में लड़की की शादी करना कानूनी अपराध है"। परंतु इन छात्राओं का आग्रह रूपा के बाबूजी नहीं माने। उन्होंने छात्राओं को समझा-बुझाकर लौटा दिया।
अगले दिन जब छात्राएँ विद्यालय आई तो मुझे बतायी कि वे लोग रूपा के घर गई थी। उन लोगों ने उसके बाबूजी को कई प्रकार से समझाया, परन्तु वे शादी रोकने को तैयार नहीं हुए। रूपा के बाबूजी के जवाब से सभी छात्राएँ नाराज थी। वे सब एक नाबालिग छात्रा के साथ किए जा रहे मनमानी और ज्यादती से रोष में थी। वे हर हाल में इस शादी को रुकवाना चाहती थी। "अब क्या करें सर? कैसे रुकेगी यह शादी? कुछ उपाय कीजिए न सर", आरती के साथ अन्य छात्राएँ भी इस मामले को लेकर एकजुट हो गई थी। मैंने उन्हें कार्यालय के सामने अंकित थानाध्यक्ष के नंबर को दिखाते हुए उस पर फोन लगाने को कहा और अपना मोबाईल दे दिया। आरती ने उस नंबर पर थानाध्यक्ष से बात की और कम उम्र की शादी होने की सूचना देते हुए इस शादी को रोकने के लिए अनुरोध की। आरती के बाद मैंने भी थानाध्यक्ष को बताया कि "रूपा आठवीं कक्षा की छात्रा है, वह अभी नाबालिग है, यह शादी रोक कर उसका जीवन बर्बाद होने से बचाइये"। थानाध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने रूपा के बाबूजी को थाना बुलाया और उन्हें बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शादी करना गैरकानूनी है। यदि आप नाबालिग बेटी की शादी करेंगे तो कानून उल्लंघन के आरोप में जेल की हवा खाएँगे। थानाध्यक्ष के यह समझाने पर रूपा के बाबूजी मान गए और उन्होंने रूपा की शादी का विचार छोड़ दिया। रूपा की शादी रुक जाने से स्कूल की छात्राएँ बहुत खुश थी। रूपा अब विद्यालय आने लगी थी।
चन्द्रशेखर प्रसाद साहु
प्रधानाध्यापक
कन्या मध्य विद्यालय कुटुंबा
प्रखंड - कुटुंबा ( औरंगाबाद )
About ToB Team(Vijay)
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
ToBBlog
Labels:
Blogs,
Teachers of Bihar,
Teachers of Bihar Blogs,
ToBBlog
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अतिउत्तम!
ReplyDeleteविजय सिंह
धन्यवाद सर।
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना है।
ReplyDeleteधन्यवाद सर
ReplyDeleteग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कभी-कभी ऐसी खबरें आती रहती हैं। एक शिक्षक के रूप में हमें अपने परिवेश में घट रही ऐसी घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए यथासंभव इसके निवारण हेतु प्रयास करना चाहिए। अच्छी रचना हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं....
ReplyDeleteमीना मंच का सफल प्रदर्शन।
Deleteबहुत ही सुंदर रचना
ReplyDelete