स्कूल ऑन मोबाईल (SOM) हीं क्यों?-रंजेश कुमार - Teachers of Bihar

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Saturday 23 May 2020

स्कूल ऑन मोबाईल (SOM) हीं क्यों?-रंजेश कुमार

   स्कूल ऑन मोबाईल (SOM) हीं क्यों ?


          कोरोना वायरस से लॉकडाउन की स्थिति में हर कोई घर में कैद है। बच्चों के स्कूल कई दिनों से बंद हैं। लॉकडाउन होने के चलते वह न तो दोस्तों संग बाहर खेलने जा सकते हैं और न ही आप उन्हें कहीं घुमाने के लिए लेकर जा सकते हैं। इस स्थिति में घर में बच्चों को संभालना एक चुनौती हो गया है क्योंकि वह घर में बोर होने लगे हैं। पेरेंट्स की इस मुश्किल को हल करने के लिए यूनिसेफ ने कुछ टिप्स सुझाए हैं। यूनिसेफ बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा आदि के लिए कार्य करती है। यूनिसेफ ने अपने ट्विटर हैंडल @UNICEF पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें यूनिसेफ के ग्लोबल चीफ ऑफ एजुकेशन रॉबर्ट जेन्किन्स बता रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अधिकांश जगहों पर लॉकडाउन है। पेरेंट्स घर पर रहकर अपने ऑफिस का काम भी कर रहे हैं और बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। लॉकडाउन ने लोगों की जीवनशैली को बदल दिया है। इसका असर देखने को मिल रहा है। खासकर शैक्षणिक क्षेत्र में। स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण ई-लर्निंग की शुरुआत काफी सफल हो रही है। यही कारण है कि निजी और सरकारी स्कूलों में इसे लागू किया गया है। शिक्षक स्मार्ट फोन के जरिये सिलेबस पूरा कर रहे हैं। बच्चों को पढ़ाई के टिप्स भी दे रहे हैं। बच्चो की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सभी शिक्षकों को बच्चों के साथ साथ समन्वय बनाना है।
          पिछले कुछ महीनों से चल रहे कोरोना की कहर ने पूरे विश्व में हलचल सी मचा दी है। लोगों की जीवन-शैली पूरी तरह बदल गई है। सभी कार्यालय, विद्यालय, रेल, बस इत्यादि बंद है जैसे दुनिया ठहर सी गई हो।सभी कार्यालय व विद्यालय बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है।ऐसी परिस्थिति में टीचर्स ऑफ बिहार (ToB) के द्वारा चलाई जा रही मुहिम "स्कूल ऑन  मोबाइल" (SOM) बच्चों की पढ़ाई में काफी कारगर सिद्ध हो रही है। इसके तहत बच्चे घर बैठे मोबाइल पर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा VI से VIII तक के लिए सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक हर विषय की पढ़ाई मोबाईल पर हीं हो रही है जिसमें सरकारी विद्यालय के प्रत्येक विषयों के प्रतिभाशाली शिक्षक सभी विषयों का भरपूर ज्ञान दे रहे हैं। रविवार को एक विशेष कार्यक्रम संडे फनडे कार्यक्रम चलाया जाता है जिसमें गीत, संगीत, पेंटिंग, नृत्य, क्राफ्ट इत्यादि की शिक्षा बड़े ही रोचक ढंग से दिया जाता है। काफी संख्या में सरकारी विद्यालय के बच्चे इसका लाभ उठा रहे हैं। न केवल बच्चे बल्कि अभिभावक एवं शिक्षक इस कार्यक्रम से काफी कुछ सीख रहे हैं। 
          अगर कहा जाए कि इस कोरोना बंदी में टीचर्स ऑफ बिहार के द्वारा चलाई जा रही मुहिम "स्कूल ऑन मोबाइल" मील का पत्थर साबित हो रहा है तो गलत नहीं होगा। आइए हम सभी इस कार्यक्रम से लाभ उठाएँ और इसकी जानकारी अधिक से अधिक लोगों को देकर इस पुण्य कार्य का भागीदारी बने जिससे ज्यादा से ज्यादा सरकारी स्कूल के बच्चे इस कार्यक्रम से घर बैठे अपनी पढ़ाई जारी रख सके।


रंजेश कुमार
प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया 
फॉरबिसगंज, अररिया

13 comments:

  1. बहुत-बहुत सुन्दर भाई!

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  2. SoM की सार्थकता पर शानदार लेखन। बधाई हो👌👌

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  3. आभार टीचर्स ऑफ बिहार

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  4. SCHOOL ON MOBILE आज के समय की जरूरत है। लंबे लाकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई का नुक़सान हो रहा है जिसे आनलाइन क्लास द्वारा एक हद तक पूरा किया जा सकता है। आने वाले दिनों में यह और भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहने वाला है तथा हम सभी शिक्षकों को इसके लिए खुद को तैयार करना चाहिए। समसामयिक उपयोगी आलेख हेतु बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.....

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    1. सर आपकाआशीर्वाद बना रहे

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  5. इस क्षेत्र में अभी और संभावना है ।

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  6. बहुत अच्छा लिखा है आपने सर। यह अच्छी चीज है।इस दिशा में अभी और प्रयास की जरूरत है।

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  7. Really commendable and it should be must executed from your side,i really appriciate your thought process keep it up and go ahead .

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  8. बहुत सुंदर

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