नैतिक शिक्षा आज की जरूरत-प्रियंका प्रिया - Teachers of Bihar

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Monday, 18 May 2020

नैतिक शिक्षा आज की जरूरत-प्रियंका प्रिया


               नैतिक शिक्षा आज की जरूरत


          कुछ दिनों पहले की एक घटना समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी जिसमें CBSE के Online class में किसी छात्र ने छात्रा की फोटो ग्रुप में शेयर कर उस पर अभद्र टिप्पणी की। बच्चे देश का भविष्य होते हैं और यह कैसा भविष्य जो दूसरों के भविष्य को भी खराब कर रहा है। कारण पुरुष प्रधान समाज में हम जितनी नैतिकता बेटियों को सिखाते हैं उससे कहीं ज्यादा स्वछंदता और लाड़ प्यार से बेटों को रखते हैं जबकि हमें बेटों को भी उतनी ही नैतिकता और मूल्य देने की कोशिश करनी चाहिए जितना हम बेटियों को देते हैं। पर स्त्री का सम्मान, बड़ों का सम्मान, गुरुजनों का सम्मान यह सब प्रारंभ में परिवार से ही दिए जाने चाहिए। जैसा कि हम सब जानते हैं परिवार ही किसी बच्चे की प्रथम पाठशाला होती है। हमें हर मानवीय मूल्य और नैतिकता परिवार से सिखाए जाते हैं फिर भी आखिर ऐसी परिस्थिति क्यों उत्पन्न हो गई है। 
          बहुत से अभिभावक अपनी जिम्मेदारियों में व्यस्त रहने के कारण बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और नतीजतन बच्चे अपने दोस्तों या बाहरी परिवेश से बहुत प्रभावित हो जाते हैं। माता-पिता प्रथम पाठशाला के ये दो स्तंभ अगर आपस में ही कलह करने वाले होते हैं तो बच्चे का भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है। इसलिए यह महती आवश्यकता होती है कि परिवार का परिवेश अच्छा हो। परिवार जहाँ बच्चे के लिए माता-पिता के संस्कार, आचार-विचार, व्यवहार बच्चे को नैतिक शिक्षा देकर उनमें मूल्यों का समावेश कर उन्हें परिष्कृत एवं परिमार्जित करते हैं। 
          अभी कुछ दिन पहले भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कहा है कि नई शिक्षा नीति २०१९ में भी इस बात पर बल दिया गया है कि वर्तमान शैक्षिक प्रणाली भारत की संस्कृति एवं ज्ञान पर आधारित रोजगार परक शिक्षा नीति होगी जिसमें वैदिक ज्ञान के पुंज को पुनः प्रज्जवलित किया जाएगा। यह शिक्षा नीति पूरी तरह से भारत केंद्रित होगी। उम्मीद है भारत की पुरातन संस्कृति नैतिक मूल्यों और परंपराओं तथा आदर्शों का पुनः प्रादुर्भाव हो क्योंकि समाज के पतन से सिर्फ शिक्षा ही हमें बचा सकती है और हम सबकी, अभिभावक की तथा सभी शिक्षाविदों की यह कोशिश होनी चाहिए कि शुरुआत से ही बच्चों में भारतीय संस्कृति और मूल्य की नींव रखी जाए तो उसपर खड़ी होने वाली इमारत वाकई गगन चुंबी होंगी।


प्रियंका प्रिया
स्नातकोत्तर शिक्षिका (अर्थशास्त्र)
श्री महंत हरिहरदास उच्च विद्यालय 
पूनाडीह, पटना

16 comments:

  1. वर्तमान समय के लिए अतिआवश्यक!

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    1. जी हां सहमत धन्यवाद।।

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  2. नैतिकता ना हो तो मनुष्य भी जंगली पशुओं की भाँति छीना-झपटी और नोंच-पटक कर खाना और जीना शुरू कर देगा। नैतिकता ही मनुष्य को मनुष्यता (मानवता) प्रदान करती है! अत्यंत सराहनीय लेख!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका।।

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    2. बहुत बहुत आभार आपका।।

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  3. वर्तमान समयानुकूल प्रासंगिक रचना है।बहुत बहुत धन्यवाद।

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  4. वर्तमान समयानुकूल प्रासंगिक रचना है।बहुत बहुत धन्यवाद।

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    1. जी धन्यवाद आपका आदरणीय।।

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  5. Bachcho ki barti umar ki samajik gyan vi jaruri ko kendrit kiya gya bahut hi achhi bat

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  6. बहुत बढ़िया।बधाई

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  7. नैतिक शिक्षा आज की आवश्यकता है,
    यही सिखाता हमें समाजिकता है ।
    सुंदर सोच के साथ सुन्दर आलेख, शुभकामनाएं

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    1. बहुत बहुत आभार।।

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