Sunday, 17 May 2020
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खराब लिखावट की समस्या का सामाधान-रानी कुमारी
खराब लिखावट की समस्या का सामाधान
किसी व्यक्ति की लिखावट उसकी पहचान होती है। प्रत्येक व्यक्ति की लिखावट दूसरे से भिन्न और विशिष्ट भी होती है। लिखना भाषा की चार कुशलताओं (सुनना, बोलना, पढ़ना व लिखना) में से एक है। शिक्षा के क्षेत्र में या सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में लिखावट अहम भूमिका निभाती है।
जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे देश में 85-90% बच्चे हाथ से लिखकर परीक्षा देते हैं, जिसमें साफ-सुथरी, स्पष्ट एवं सुंदर लिखावट काफी मायने रखती है। अक्सर ऐसा देखने में आता है कि किसी बच्चे में योग्यता रहने के बावजूद भद्दी एवं अस्पष्ट लिखावट के कारण उसका सही मूल्यांकन नहीं हो पाता है। मूल्यांकनकर्ता को ऐसी उत्तर पुस्तिका जाँचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और खीज पैदा होती है। अतः बिना पढ़े कुछ भी अंक दे देते हैं। वहीं अगर लिखावट साफ-सुथरी व स्पष्ट रहती है तो मूल्यांकनकर्ता को पढ़ने और त्रुटियों को नजरअंदाज के लिए मजबूर कर देती है। फिर मूल्यांकनकर्ता आह्लादित होकर अच्छे अंक दे देते हैं।
इस तरह खराब लिखावट एक समस्या के रूप में उभर कर आती है। इस समस्या से जूझ रहे बच्चे अपने सहपाठियों और हम उम्र बच्चों के बीच उपहास के पात्र तो बनते ही हैं, बड़े भी कुछ कम नहीं सुनाते। इससे बच्चों के स्वभाव में दब्बूपन, उग्रता, चिड़चिड़ापन आदि पनपने लगता है। बच्चों का आत्मविश्वास खो जाता है और वे मानसिक रूप से परेशान रहने लगते हैं। इस स्थिति में अभिभावकों द्वारा बच्चों को डाँटने-डपटने के बजाय उन्हें इस समस्या से निकलने में मदद करनी चाहिए। साथ ही शुरूआती दौर से ही इस बात के लिए प्रयासरत रहना चाहिए कि बच्चों में ये समस्या आए ही नहीं। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-
▪️अच्छी लिखावट के लिए आत्मविश्वास सबसे जरूरी है। बच्चों के खराब लिखावट की बुराई करने के बजाय उन्हें इस बात का विश्वास दिलाएँ कि उनकी लिखावट भी सुंदर हो सकती है। इससे उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा।बच्चों को चित्रांकन की पूरी छूट दें ताकि उसके उंगलियों का संचालन लयबद्ध हो।
▪️ छोटे-छोटे घुमावदार व कोणदार आकृति, फूल-पत्तियों, मात्राओं के चिह्नों आदि को बनाने का अभ्यास बच्चों से नियमित रूप से करवाएँ।
▪️अक्षरों की सही आकृति बनाकर दिखएँ और बच्चों से बनवाने का अभ्यास करवाएँ।
▪️ समान दिखने वाले अक्षरों के बनावट एवं उच्चारण की भिन्नता को समझाएँ जिससे कि उन्हें किसी तरह का भ्रम न हो। जैसे- क-फ, घ-छ-ध, ङ-ड़, ढ-द, भ-म, ब-व।
▪️ बच्चों को अक्षरों व शब्दों के बीच निश्चित फासले, पूर्ण विराम, अल्पविराम, कोमा, प्रश्नचिन्ह आदि से परिचित कराएँ एवं उसका सही प्रयोग करना सिखाएँ।
▪️लिखते समय बच्चों के हाथ एवं अंगुलियों की गति, स्थिति तथा कलम पकड़ने के तरीकों पर ध्यान दें क्योंकि इसका प्रभाव भी लिखावट पर पड़ता है।
▪️सबसे अहम बात ये कि बच्चों में लिखने की आदत विकसित करें। क्योंकि वे जितना लिखेंगे, लिखावट भी उतनी ही अच्छी होती जाएगी। इसके लिए अपने मन की बातों को एवं मनपसंद चीजों के नाम लिखना, श्रुतिलेख, सुलेख, तुकबंदी आदि का अभ्यास प्रतिदिन कराएँ। इससे बच्चों को आनंद भी मिलेगा और लिखने की आदत भी पड़ेगी।
▪️इस दौरान बच्चे जैसा भी लिखे, उसकी तारीफ करें और कभी-कभी छोटे-मोटे उपहार देकर प्रोत्साहित भी करते रहें।
पूर्णियाँ, बिहार
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खराब लिखावट की समस्या का समाधान-रानी कुमारी
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बहुत-बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteसंदेशपरक
ReplyDeleteसुलेख की महत्ता को तो गांधी जी ने भी स्वीकार किया है और छात्रों को सुलेख हेतु सदैव प्रोत्साहित किया है। परंतु सुलेख के मामले में हम शिक्षक बच्चों को अपनी ओर से प्रोत्साहन देने की बजाय उसे उसके भाग्य पर छोड़ देते हैं। किसी भी छात्र की लिखावट यदि सुंदर है तो निश्चित रूप से वह विद्यालय और परिवेश में प्रशंसा का पात्र बनता है। अतः हमें धैर्य के साथ सभी छात्रों को सुलेख हेतु प्रोत्साहित करने की जरूरत है। बहुत सुंदर एवं उपयोगी आलेख हेतु बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteबहुत बढियां सुझाव
ReplyDeleteसुंदर सुलेख पर आधारित आपका आलेख बहुत हीं प्रसंशनीय है!
ReplyDeleteयूँ तो आपने अच्छा लिखा है। अच्छी लिखावट अच्छी शिक्षा की निशानी है जबकि खराब लिखावट अधूरी शिक्षा की। सच में, सिर्फ लिखावट से ही अच्छे अंक नहीं मिलते,बल्कि अचछअ अंक हासिल करने हेतु परशन के मुताबिक आपका उत्तर होना चाहिए और पठनीय होना चाहिए। एक अक्षर से दूसरे अक्षर के बीच की दूरी समान होनी चाहिए। एक लेखक को शुद्धता पर भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे- समाधान, चिह्न ,दिखाएँ यह मेरी समझ से होना चाहिए। यह व्यक्तिगत राय है। वैसे आलेख अच्छा है।
ReplyDeleteयूँ तो आपने अच्छा लिखा है। अच्छी लिखावट अच्छी शिक्षा की निशानी है जबकि खराब लिखावट अधूरी शिक्षा की। सच में, सिर्फ लिखावट से ही अच्छे अंक नहीं मिलते,बल्कि अच्छे अंक हासिल करने हेतु प्रश्न के मुताबिक आपका उत्तर होना चाहिए और पठनीय होना चाहिए। एक अक्षर से दूसरे अक्षर के बीच की दूरी समान होनी चाहिए। एक लेखक को शुद्धता पर भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे- समाधान, चिह्न ,दिखाएँ यह मेरी समझ से होना चाहिए। यह व्यक्तिगत राय है। वैसे आलेख अच्छा है।
ReplyDelete👌👌
ReplyDeleteसराहनीय आलेख 💐
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