मोबाइल शिक्षा-अर्चना गुप्ता - Teachers of Bihar

Recent

Wednesday 29 July 2020

मोबाइल शिक्षा-अर्चना गुप्ता

मोबाइल शिक्षा

          आज लाॅकडाउन की वजह से जहाँ शिक्षा के सारे मंदिर बंद पड़े हैं, ऐसी स्थिति में मोबाइल शिक्षा का एक नया विकल्प सामने आया है क्योंकि बच्चे वर्तमान समय में स्कूल या कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो मोबाइल से ऑनलाइन शिक्षा ने रास्ता बहुत हद तक आसान कर दिया है। बच्चे घर पर रहकर लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। शिक्षक बच्चों को विद्यालयों के निर्देशानुसार घर से ही ऑनलाइन शिक्षा देने का काम कर रहे हैं ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।
          इस तरह की शिक्षा में इंटरनेट के माध्यम से शिक्षक तरह-तरह के टूल्स का उपयोग करते हैं जिससे शिक्षा आसान हो सके। मोबाइल शिक्षा में छात्र और शिक्षक सुविधानुसार समय का चुनाव कर सकते हैं जिसमें बच्चे रोचक तरीके से ऑनलाइन संसाधनों जैसे- वीडियोज, वेबसाइट लिंक, गूगल मैप्स और टीचर्स ऑफ बिहार के स्कूल ऑन मोबाइल  की मदद से शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसमें शिक्षक को विभिन्न प्रकार से बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलता है। चूँकि यह शिक्षा घर बैठे होती है इसलिए इसमें समय की काफी बचत होती है।
          मोबाइल शिक्षा सुविधाजनक होने के साथ ही पैसे और समय की काफी बचत करता है। इसमें बच्चे शिक्षक के द्वारा लिए जा रहे क्लास की रिकॉर्डिंग सेव कर रख सकते हैं जिससे वह क्लास के बाद भी उसे फिर से सुनकर अच्छे से समझ सकते हैं। मोबाइल शिक्षा के माध्यम से हम सिर्फ स्कूल, काॅलेज की शिक्षा ही नहीं बल्कि घर बैठे देश दुनियाँ की अनेकानेक जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं। मोबाइल शिक्षा से हम किसी भी समय अपने शिक्षक से समस्या को पूछ सकते हैं। डिजिटलीकरण के दौर में आज मोबाइल शिक्षा काफी लोकप्रिय हो रही है जिससे ऑनलाइन शिक्षा पर बहुत जोर दिया जा रहा है।
          एक तरफ तो काफी संख्या में बच्चे मोबाइल शिक्षा से अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं पर आज भी देश के अधिकांश बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं जहाँ उसे दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती। ऐसे में उनके लिए स्मार्ट्फ़ोन, लैपटॉप और कंप्यूटर कनेक्शन लेना बहुत ही कठिन बात है। इस प्रकार के बच्चे के लिए मोबाइल शिक्षा काफी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। ऐसे में वे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। साथ ही हमारे देश के कई शहरों या गाँवों में नेटवर्क प्रोब्लम की हमेशा शिकायत रहती है जिससे इंटरनेट कनेक्शन के बाद भी मोबाइल शिक्षा अवरूद्ध हो जाता है। मोबाइल शिक्षा में बच्चों में अनुशासन की कमी पाई जाती है क्योंकि शिक्षक बच्चों के क्रियाकलापों को नहीं देख पाते। डिजिटल होने के कारण बच्चे किसी भी समस्या का जबाव मोबाइल के माध्यम से ही प्राप्त करना चाहते हैं जिससे उनकी रचनात्मकता में काफी कमी आई है। साथ ही बच्चे विद्यालय आधारित अन्य गतिविधियों को भी नहीं कर पाते हैं। इस तरह से बच्चों के बीच व्यावहारिक शिक्षा का भी अभाव पाया जाता है।
          कहा जाए तो मोबाइल शिक्षा के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं पर इस कोरोना काल में इसने बच्चों और शिक्षकों की काफी मदद की जिससे उनकी शिक्षा बाधित नहीं हुई है। मोबाइल शिक्षा बच्चों में आज भी घर बैठे शिक्षा का अलख जलाने में कामयाब हो रहा है पर हमें यह ध्यान देना होगा कि बच्चे अपने अभिभावक के निर्देश में ही मोबाइल का प्रयोग करें अन्यथा दूसरे पहलू भी सामने आ सकते हैं ।


अर्चना कुमारी
म० वि० कुआड़ी 
कुर्साकांटा अररिया

4 comments:

  1. अत्यंत समसामयिक एवं सारगर्वित आलेख।👌👌

    ReplyDelete
  2. यथार्थ सत्य वाहहहहहहहह बहुत ही बढियां आलेख.... धन्यवाद

    ReplyDelete