पढ़ाई में अभिनव प्रयोग-अरविंद कुमार - Teachers of Bihar

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Saturday 24 October 2020

पढ़ाई में अभिनव प्रयोग-अरविंद कुमार

पढ़ाई में अभिनव प्रयोग

          प्रतिभा का सही प्रयोग नहीं होना कई बार अच्छे-अच्छे विद्यार्थियों को उनकी क्षमता के अनुसार ऊँचाई पर नहीं पहुँचा पाता है। बहुत सारे लोग असफल इसलिए होते हैं क्योंकि एक काम में बहुत ज्यादा देर तक ध्यान नहीं लगा पाते। यह सच्चाई भी है कि एक सीमा के पश्चात हमारा किसी काम के प्रति फोकस हटने लगता है, हम उबने लगते हैं, यह तो मानव स्वभाव है। यदि यह लगता है कि हम किसी काम से उब़ने लगे हैं, विद्यार्थी अपनी पढ़ाई से उबने लगे हैं तो अपने काम में फोकस की जरूरत है परंतु फोकस लगातार नहीं बल्कि टुकड़े में हो सकते हैं। अगर इसे पढ़ाई के परिप्रेक्ष्य में देखें तो हम कुछ प्रयोग द्वारा अपने फोकस को लगातार बनाए रख सकते हैं और ज्यादा दिनों तक ज्यादा से ज्यादा चीजें अपने दिमाग में याद रख सकते हैं। इसके लिए दो तीन चीजें अति  महत्वपूर्ण हैं: 
१) १०:१ तकनीक:- इस तकनीक के अनुसार अगर हम किसी विषय में पढ़ना प्रारंभ करते हैं और उसके १० पन्ने पढ़ लेते हैं, तदुपरांत उन १० पन्नों के सारांश को एक पन्ने में लिखने का अभ्यास कर सकते हैं अथवा बच्चों को इसके लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस प्रकार कुल १० पन्नों का निचोड़ लिखते-लिखते स्थाई रूप से हमारे याद में फिट हो जाता है और फिर हम उसे एक बार दुहरा कर स्थाई रूप से याद कर पाने में सक्षम हो जाते हैं। यानी याद करने में १०:१ की तकनीक बहुत ही मददगार है और ज्यादा से ज्यादा समय तक एक ही विषय वस्तु पर फोकस करने में बहुत ही कामयाब पद्धति है।
२) पोमोडोरो विधि:- ज्यादा देर पढ़ने से दिमाग की मांसपेशियाँ थकान से भर जाती हैं उसके बाद पढ़ाई करने पर मात्र हम बहाने के लिए पढ़ते हैं परंतु वह हमारे मेमोरी में घुस नहीं पाती है जबकि हम बच्चों को लगातार इसके लिए बिठाने, पढ़ाने का दबाव बनाते हैं। इसके लिए पोमोडोरो सिद्धांत अपनाया जाना जरूरी है जिसके तहत अगर हम २५ मिनट की पढ़ाई कर लेते हैं उसके बाद ५ मिनट का ब्रेक जरूरी है। इस तरह एक बार में ४ पोमोडोरो यानी १०० मिनट से ज्यादा नहीं पढ़ना चाहिए। इसमें हर २५ मिनट के बाद ५ मिनट का ब्रेक यानी कुल १०० मिनट में चार ब्रेक होने चाहिए। इस प्रकार का सिद्धांत हमारी पढ़ाई को ज्यादा सफल बना सकती है।
पढ़ाई के समय सोशल मीडिया से दूरी भी नितांत आवश्यक है  क्योंकि यह हमारी पढ़ाई की गुणवत्ता को घटाती है, ध्यान भटकाती है और हमारी याद में बैठने वाली क्षमता को रोकने का काम करती है। सोशल मीडिया से दूरी बना कर भी हम अपनी मेमोरी को मजबूत बना सकते हैं।
          इस प्रकार इन तीनों बिंदुओं पर ध्यान रखकर हम अपने किसी काम में अत्यधिक गुणवत्ता प्राप्त कर अत्यधिक ऊँचाई पर पहुँच सकने में सक्षम हैं।


अरविंद कुमार
गौतम मध्य  विद्यालय न्यू डिलिया देहरी रोहतास

2 comments:

  1. बहुत-बहुत सुन्दर और ज्ञानवर्धक!

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  2. बहुत अच्छी जानकारी.

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