संसार भर में कैंसर से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और भारत में इस रोग से मरनेवालों की संख्या और भी तीव्र गति से बढ़ रही है , यह बड़ा चिंता का कारण है । भारत कैंसर का तेजी से हब बनता जा रहा है ।
अनियमित दिनचर्या और बेतुका खानपान ने कैंसर को और भी बढ़ा दिया है। स्वस्थ और निरोगी जीवन जीने के लिए जिस तरह के खान पान और जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता है उसे लोग भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि यह रोग तेजी से मनुष्य को _लील_ रहा है। महिलाओं में मुख्य रूप से स्तन कैंसर , बच्चादानी कैंसर तथा लंग्स कैंसर देखने को मिलते हैं जबकि पुरुषों में प्रोस्ट्रेट कैंसर , लीवर कैंसर तथा लंग्स कैंसर बहुतायत रूप से पाए जाते हैं ।
शरीर में किसी तरह के बदलाव
अगर लंबे समय तक दिखाई पड़े तो उसे नजरंदाज कदापि नहीं करना चाहिए और सही जगह जाकर उसकी जाँच अवश्य करवानी चाहिए।
यदि कैंसर के बढ़ते मामले को देखें तब निम्न कारण स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते है ।
1. चीनी , समुद्री नमक , और मैदा का अत्यधिक उपयोग ।
2. रिफाइंड तेल का भोजन में उपयोग ।
3. बेकरी खाद्य पदार्थों का सेवन।
4 . फ़ास्ट फूड के प्रति बढ़ता आकर्षण।
5 जंक फूड का सेवन।
6 खाद्यान्न उत्पादन हेतु अधिकाधिक रासायनिक खादों का प्रयोग ।
7 . जहरीली कीटनाशक का अंधाधुंध प्रयोग ।
8 . शारीरिक श्रम का अभाव।
9 . प्राकृतिक प्रकाश से दूर रहना।
10 . खाद्य पदार्थों में मिलावट ।
11 . तम्बाकू और उसके उत्पाद का सेवन ।
12 . फलों और सलाद के सेवन में कमी ।
ये सभी कारक कैंसर को तेजी से फैला रहे हैं। इन्हें दूर कर ही
मनुष्य इस जानलेवा बीमारी से अपने आपको बचा सकता है।
कैंसर से बचने के निम्न उपाय इस प्रकार हैं :
1 मोटे अनाजों का खाने में उपयोग।
2 चीनी, मैदा, रिफाइंड ऑयल समुद्री नमक आदि का न्यूनतम उपयोग।
3 जंक फूड और फास्ट फूड से परहेज ।
4 . अंकुरित चना, मूँग आदि का उपयोग।
5 . तम्बाकू और उससे उत्पादित सभी प्रकार के पान मसाले का सेवन निषिद्ध ।
6 .दिन में बाहर काम करने की आदत डालना ।
7 . सुबह शाम प्राणायाम करना।
8 . शारीरिक श्रम नियमित रूप से करना।
9 पौष्टिक और कम कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों का सेवन।
10 . नींबू का नियमित उपयोग ।
11 अदरक, कच्ची हल्दी तथा लहसुन का उपयोग।
12 आँवले से बने उत्पाद का उपयोग
13 . कब्जनाशक खाद्य पदार्थों का सेवन।
14. समय से समुचित पानी पीना ।
15 . चोकरयुक्त आटा का सेवन 16 . सवेरे सोना और सवेरे जागना।
ये सभी कारगर और प्रभावी उपाय , जो भी लोग जीवन में इसे अपनाएँगे , उन्हें इस रोग का भय बहुत कम रहेगा। अतः बुद्धिमानी इसी में है कि कैंसर से बचाव के तरीके को अपनाया जाए क्योंकि इस रोग में बचाव ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बचाव के तरीके से जहाँ हम स्वस्थ रहते हैं वहीं आर्थिक नुकसान भी नहीं होता और परिवार के लिए आर्थिक बोझ भी नहीं बन पाते।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , जिला- मुजफ्फरपुर
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