'भागलपुर के विद्यालय: भाग-1' अमरजीत कुमार अमर (समन्वयक) - Teachers of Bihar

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Saturday 24 August 2019

'भागलपुर के विद्यालय: भाग-1' अमरजीत कुमार अमर (समन्वयक)

 भागलपुर के विद्यालय : भाग-1



पतित पावनी गंगा के किनारे स्थित भागलपुर , अतीत की यादों को संजोए मधुसूदन मंदार की धरती पर , दानवीर सूर्यपुत्र कर्ण का राज्य , ज्ञान का अलौकिक ज्ञानपुंज रहा विक्रमशिला विश्वविद्यालय और मंजूषा पेंटिंग यहाँ के अतीत का बखान करता है। सिल्क सिटी के नाम से मशहूर हमारे इस क्षेत्र का अतीत काफी रोचक रहा है।
    लेकिन आज हम अपने वर्त्तमान और भविष्य का भागलपुर देख पा रहे है। जो न केवल अपने समाज का, अपितु भावी भारत के निर्माण में सहयोग करने हेतु अग्रसर है।
             
                 जी आज हम बात करते है भागलपुर के प्रारंभिक शिक्षा की।जिसका आधार निर्भर करता है, भवानी कन्या मध्य विद्यालय खंजरपुर, नगर निगम भागलपुर , मध्य विद्यालय जगदीशपुर , रामकृष्ण आश्रम मध्य विद्यालय , प्राथमिक विद्यालय योगिवीर , आदर्श मध्य विद्यालय तुलसीपुर , मध्य विद्यालय यादव टोला तुलसीपुर , कन्या मध्य विद्यालय तेलघि ,मध्य विद्यालय धरहरा , मध्य विद्यालय अठगामा , मध्य विद्यालय अनादिपुर , और प्राथमिक विद्यालय डोमासी परबत्ता जैसे अनगिनत प्रारंभिक विद्यालयों की कार्य शैली पर।शिक्षा और संस्कारों का यह केंद्र प्रेरणा का श्रोत बना हुआ है।
           सन 1939 ई0 में स्थापित भवानी कन्या मध्य विद्यालय ,नगर निगम भागलपुर अपने कार्य और उपलब्धि के लिए किसी परिचय का मोहताज नही है। जिसका श्रेय जाता है , विद्यालय के कर्मठ शिक्षको/शिक्षिकाओ एवं विद्यालय परिवार को। खास तौर पर श्रीमती अर्पणा कुमारी जी को। जिनकी कार्य शैली और समर्पण ने इस विद्यालय को भागलपुर प्रारंभिक शिक्षा जगत का पहचान बना दिया। साफ सुथरे पोशाक में, टाई ,बेल्ट,और बैच लगाकर आने वाले बच्चे जो किसी भी निजी विद्यालय के चकाचौंध को कम करने का जज्बा और क्षमता रखता है, विद्यालय की शान है।
      वाद्य यंत्रों और ध्वनि विस्तारक यंत्रो के साथ आयोजित चेतना सत्र, बच्चों की ससमय उपस्थिति ,सक्रिय बल संसद एवं मीना मंच विद्यालय के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विद्यालय की साफ सफाई , फुलवारी और पोषण वाटिका किसी भी आगंतुक का मन मोह लेती है। वर्ग कक्ष प्रबंधन और बच्चों का अधिगम स्तर देखकर विद्यालय की उपलब्धि का एहसास होता है।जहाँ बच्चे हर क्षेत्र में अपनी रुचि और सक्रियता दिखाते है।जो काबिले तारीफ है। बात खेल की हो या कला की,रचनावादिता की हो या तकनीक की,विद्यालय की गतिविधि हो या संस्कृतिक कार्यक्रम सभी पर इन बच्चों का एकाधिकार सा लगता है।किसी भी आयोजन या कार्य के लिए वो जैसे सदैव तैयार ही रहते है।
         विद्यालय को करीब से जानने के बाद मैं उनके कार्यशैली से स्तब्ध रह गया।।निः संदेह और निः संकोच इस बात को कहने में कोई झिझक नही है, की भवानी कन्या मध्य विद्यालय खंजरपुर भागलपुर का पहचान है।
     विद्यालय के प्रति श्रीमती अर्पणा जी का समर्पण ही ऐसा है , की न केवल हम शिक्षक बल्कि हमारे शिक्षाविद और पदाधिकारी भी विद्यालय के कार्य एवं उपलब्धि हेतु सदैव मार्गदर्शन प्रदान करते है। जिनमे डॉ राकेश कुमार(प्राचार्य) डायट भागलपुर , श्री संजय सर (विशेष कार्य पदाधिकारी) प्रमिला मैम(यूनिसेफ) तारकेश्वर सर , और राजीव सर जी जैसे अपनो के साथ ने विद्यालय को उत्कृष्ठ होने का प्रमाण दे दिया। जो हम शिक्षको के कार्यों को सदैव मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

उडान ऊँची हो तो आसमां झुक जाएगा।
हौसला बुलंद हो तो तूफ़ां रुक जाएगा।
ऐसे सभी विद्यालय परिवार को मेरा प्रणाम।
जिनके कार्यों से दुनियां कदमों में झुक जाएगा

अमरजीत कुमार अमर
   संकुल समन्वयक
 इस्माईलपुर, भागलपुर 
















2 comments:

  1. बहुत ही सुंदर है और अन्य विद्यालयों के लिए आदर्श है। आपकी लेखनी को कोटि-कोटि नमन!

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  2. बहुत,बहुत-बहुत ही सुंदर! यह अन्य विद्यालय के लिए आदर्श है । आपकी लेखनी को कोटि-कोटि नमन ।
    विजय सिंह

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