एक दिवसीय आवर्ती प्रशिक्षण क्यों- विजय सिंह - Teachers of Bihar

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Sunday 2 February 2020

एक दिवसीय आवर्ती प्रशिक्षण क्यों- विजय सिंह

एक दिवसीय आवर्ती प्रशिक्षण क्यों
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                     बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बिहार के हर जिले के प्रत्येक प्रखंड के संकुल संसाधन केंद्र या प्रखंड संसाधन केंद्र में मार्च और जून माह को छोड़कर बाँकि बचे सभी दस महिनों के तृतीय सप्ताह के अंत में लगातार दो दिनों तक हर विद्यालय के शिक्षक/शिक्षिकाओं की बारी-बारी से एक आवर्ती बैठक बुलाई जाती है जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यालय में पठन-पाठन से संबंधित जो समस्याएँ उत्पन्न होती है उसे बैठक कक्ष में रखा जाना है जिसका समाधान अनेकों विद्वान शिक्षक/शिक्षिकाओं के द्वारा की जाती है। ऐसा होने से हर विषयों की कुछ न कुछ जानकारी हो जाती है क्योंकि प्रायः हर विषय की समस्या के समाधान हेतु बातचीत की जाती है। लेकिन हम शिक्षक तो अपनी कमजोरी छुपाने में पारंगत हो गए हैं, इसलिए अपने-आप को किसी से भी कम नहीं समझने की भावना को इस तरह मन-मस्तिष्क में प्रवेश करा दिए हैं कि कुछ नया सीखने या समस्या का हल जानने की कोशिश नहीं करते। अपनी समस्या रखने में इसलिए पीछे रहते हैं क्योंकि अन्य की नजर में यह दिखाना नहीं चाहते कि कुछ अमुक बातों की जानकारी मुझे नहीं है। ऐसे शिक्षक/शिक्षिकाएँ थोड़ी सी जानकारी ही रख पाते हैं जिससे वे बच्चों और अधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाते और कभी-कभी मीडिया वालों के द्वारा पूरे शिक्षक समाज को अयोग्य दिखाने की कोशिश की जाती है जो बिल्कुल अनुचित होता है। जो शिक्षक/शिक्षिकाएँ सीखना-सिखाना चाहते हैं वेे भी इसके शिकार हो जाते हैं। 
        वैसे कुछ शिक्षक/शिक्षिकाएँ हैं जो इस बैठक में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और कुछ सीखने-सिखाने की कोशिश भी करते हैं लेकिन ऐसे शिक्षक भी एक दिन यह सोच कर अपने आप को शिथिल करने को बाध्य हो जाते हैं कि बैठक में न तो समस्या आएगी और न ही समाधान होगा। कुछ तो इस बैठक को एक दिन की छुट्टी समझ लेते हैं या देर से आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर चले जाते हैं। जब भविष्य निर्माता की ऐसी स्थिति रहेगी तो बाँकि का क्या होगा ऐसा सोचकर चिंतित होना अतिशयोक्ति नहीं होगी। 
          अतः सभी विद्वत जनों से आग्रह है कि इस बैठक की सार्थकता को समझकर लाभ उठाने की कोशिश करें और इसमें बढ़-चढ़कर भाग लें एवं अपनी योग्यता में सतत वृद्धि के लिए लालायित रहें क्योंकि ज्ञान का खजाना हमें स्वयं को गौर्वान्वित करता है। 

विजय सिंह 
(मड़वा बिहपुर भागलपुर)
मध्य विद्यालय मोती टोला 
इस्माईलपुर भागलपुर

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