Tuesday, 4 February 2020
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समग्र शिक्षा के दौर में निष्ठा ( NISHTHA ) की भूमिका - संजय कुमार सिंह
सरकारी विद्यालयों के शैक्षणिक परिदृश्य वैसे तो हमारे योग्य, कुशल, लगनशील एवं नवाचार को अपनाने वाले शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों के सराहनीय प्रयासों से काफी कुछ बदल चुका है परंतु आनेवाले समय में यह बदलाव काफी व्यापक रूप धारण करने वाला है। यह बदलाव विद्यालय स्तर से लेकर प्रशासनिक तंत्र सहित शैक्षणिक क्षेत्र की नियामक संस्थाओं की कार्यशैली में साकारात्मक रुप से दिखाई देगा अर्थात हम सबकी कार्यशैली में एक बड़ा परिवर्तन आने वाला है क्योंकि हम सर्व शिक्षा अभियान के दौर से निकल कर समग्र शिक्षा के दौर में आ चुके हैं और समग्र शिक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए हम सभी शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक क्रमबद्ध रूप से NISHTHA प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में समग्र शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में NISHTHA प्रशिक्षण की भूमिका को जानना जरूरी जान पड़ता है। तो आइए हम समग्र शिक्षा एवं NISHTHA प्रशिक्षण को जानने की कोशिश करते हैं। समग्र शिक्षा भारत सरकार की एक वृहत, महत्वाकांक्षी एवं एकीकृत योजना है जिसमें सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA ) एवं शिक्षक प्रशिक्षण (TEACHER EDUCATION) समाहित हो चुके हैं और वित्तीय वर्ष 2018-19 से ही समग्र शिक्षा अस्तित्व में आ चुका है। सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य समूह (6-14 वर्ष ) की तुलना में समग्र शिक्षा का लक्ष्य समूह बढ़कर (4-18 वर्ष ) हो चुका है। हालांकि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना समग्र शिक्षा का भी मुख्य उद्देश्य है परंतु अब यह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्री स्कूल से लेकर प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक तक के बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी। प्री स्कूल की अवधारणा के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालय के साथ जोड़ने की योजना है अर्थात आने वाले समय में प्राथमिक अथवा मध्य विद्यालय परिसर में ही प्री स्कूल एक अलग युनिट के रूप में संचालित होंगे जिसे योग्य, प्रशिक्षित एवं समर्पित शिक्षकों की देखरेख में संचालित किया जाएगा एवं संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक ही उसके आंकड़ों के संधारण सहित उसका समर्थन एवं अनुश्रवण प्रत्यक्ष रूप से करेंगे। ऐसे में निश्चित रूप से हमारी जिम्मेदारियाँ बढ़ जाएगी तथा हमें अपनी क्षमता को और सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता होगी। हमारे इसी जरूरत को पूरा करने के लिए एक क्षमता वर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम ( CAPACITY BUILDING TRAINING PROGRAM) के रूप में निष्ठा ( NISHTHA ) हमारे समक्ष उपस्थित है। NISHTHA एक शब्द संक्षेप है ( N - NATIONAL, I- INITIATIVE, for S- SCHOOL , H- HEADS and T- TEACHERS, H- HOLISTIC, A- ADVANCEMENT ) जिसे शाब्दिक अर्थ में परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि " निष्ठा ( NISHTHA ) एक राष्ट्रीय पहल है जो विद्यालय प्रधान एवं शिक्षकों की समग्र उन्नति चाहता है।"
समग्र शिक्षा ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दो साधन निर्धारित किए हैं- T & T । इनमें से पहला T , TEACHER यानी हम शिक्षक ही हैं ( जो निश्चित रूप से प्रशिक्षित ही होंगे ) और दूसरा T है TECHNOLOGY, अर्थात समग्र शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों को हम शिक्षक ही पूरा करेंगे पर टेक्नोलॉजी की सहायता से ही। जाहिर है हमारी भूमिका अब और भी वृहत एवं महत्वपूर्ण हो गई है जिसके लिए हमें अपनी क्षमता बढ़ानी होगी पर चिंता की कोई बात नहीं, निष्ठा ( NISHTHA ) है न, हमारे क्षमता वर्धन के लिए।
तो आइए मित्रों, समग्र शिक्षा के दौर में हम निष्ठा (NISHTHA) प्रशिक्षण को अपनाकर निष्ठा पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वाह करें ताकि प्री स्कूल से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जा सके।
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प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर, रानीगंज
जिला- अररिया

About Ravi Raushan Kumar
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Good evening sir,how simply you explain the role of Teachers with
ReplyDeleteT&T in present scenario of education,Hope it will boost up the competence of teachers.💐
THANKS MAM....
ReplyDeleteThanku mem bahut accha par
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