पुस्तक पढ़ने की आदत-अपराजिता कुमारी - Teachers of Bihar

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Monday, 4 May 2020

पुस्तक पढ़ने की आदत-अपराजिता कुमारी

पुस्तक पढ़ने की आदत
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          21वीं सदी के युग में मोबाइल, इंटरनेट, लैपटॉप, आईपॉड, तरह-तरह के iPhone आधुनिकता की पहचान बन गए हैं जिससे बच्चे पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं। आज के समय में बच्चों को कुछ भी जानना होता है तो तुरंत गूगल गुरु को सर्च करने लगते हैं। आवश्यक- अनावश्यक सभी तरह की जानकारियाँ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि हम बच्चों की पुस्तकों से दूरी न बढ़ने दें। पुस्तकों का नियमित अध्ययन करना आज के समय में अति आवश्यक समझा जा रहा है । 
          प्रोफेसर एनी ई. कनिंघम ने एक शोध पत्र लिखा और पाया कि नियमित रूप से पढ़ना हमें होशियार बनाता है। बार-बार पढ़ना न सिर्फ हमें जानकारी एकत्रित करने में मदद करता है बल्कि उस जानकारी को जीवन भर याद रखने में भी मदद करता है। हमें यह महसूस हो या न हो किन्तु पढ़ने से हमारे दिमाग में नयी-नयी जानकारी का भण्डार जमा होता जाता है जो न जाने कब हमारे काम आ जाए। कभी-कभी अपने बचपन की घटना भी हमारे आज के जीवन को प्रभावित कर रही है।
          बच्चों का मस्तिष्क एक स्पंज की तरह होता है। वे अपने आस-पास मौजूद सब कुछ सोख लेते हैं जो एक वयस्क के रूप में उनके व्यक्तित्व को आकार देता है। 
इसी प्रकार से भिन्न-भिन्न चीज़ें पढ़ना बेहतर शिक्षण का अच्छा स्रोत है। ज्ञान की किताबों को पढ़ना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी कहानियों की किताबें पढ़ना है जिनमें कल्पनाएँ होती हैं, कविताएँ होती है जो भाषा को रचनात्मक बनाती हैं, एवं कॉमिक चित्रों व लेखन का अच्छा तालमेल प्रस्तुत करती हैं और शैक्षणिक लेखों के द्वारा किसी भी विषय को गहराई से समझाया जाता है।
          किसी भी बच्चे के पूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए पढ़ना आवश्यक है। जब किसी बच्चे के हाथ में पढ़ने के लिए किताब दी जाती है तो वह किसी बाहरी दखल के बिना खुद अपना मनोरंजन करना सीखता है। पढ़ने से हम दैनिक जीवन से बाहर अपने कल्पना के संसार में पहुँच जाते हैं। जब हम पढ़ते हैं तब हम विभिन्न संस्कृतियों, व्यक्तित्वों तथा परिस्थितियों के बारे में जानते हैं। कहानियाँ पढ़ना बच्चे को नयी–नयी चीजों से अवगत कराने का सबसे सटीक तरीका है। काल्पनिक कथानक की पहुँच हमें नयी भावनाओं व अनुभूतियों से रूबरू कराती है। वो हमें अलग-अलग संस्कृतियों को समझाकर दूसरे लोगों को सांत्वना देना भी सिखाती है। किताब पढ़ना तनाव से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा तरीका है और मात्र छः मिनट पढ़ना भी हमारे तनाव के स्तर को दो-तिहाई से भी ज़्यादा घटा सकता है।
          तकनीक हमारे आज की दिनचर्या का अहम हिस्सा है। टेलीफ़ोन से पहले व्यक्ति में पत्र की प्रतीक्षा करने का संयम था।  कुछ मतों का यह मानना है कि तकनीक ने भटकाने का काम किया है किन्तु अगर हम उसका सही उपयोग करें तो वह हमें बहुत अच्छे अनुभव दे सकता है। बच्चों को भी इंटरनेट बहुत सारी शिक्षा व मनोरंजन प्रदान करता है। आप समय या जगह के कारण बाधित नहीं होते और दुनियाँ के किसी भी कोने से जब चाहे अपनी आवश्यकता अनुसार इंटरनेट से सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। तकनीक की उपयोगिता के क्रम में दूरस्थ शिक्षा का माध्यम मोबाइल को बनाया गया है। लॉकडाउन की स्थिति में "टीचर्स ऑफ बिहार" की ओर से "School on Mobile" कार्यक्रम के द्वारा बच्चों को घर में ही पाठ्यक्रम का अध्ययन करवाया जा रहा है। अध्ययन-अध्यापन का यह क्रम शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान देने वाला साबित हो रहा है।
कम्प्यूटर या कोई अन्य मोबाइल यंत्र पर काम करने से बच्चों का कौशल बढ़ता है। वे अपनी गति से उसपर पढ़ सकते हैं और स्वतंत्रता से उसपर काम करना उन्हे गर्व की अनुभूति देता है परन्तु पुस्तक पढ़ने की आदत डालना भी बहुत हीं जरूरी है।
      
 

अपराजिता कुमारी
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जिगना जगरनाथ
ब्लॉक हथुआ
गोपालगंज

12 comments:

  1. ज्ञानवर्धक जानकारी।

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  2. वर्तमान समय में मोबाइल जरूरी है परन्तु इसमें दिन रात लगे रहना या इससे अधिक जुड़ाव,लगाव समस्या पैदा कर सकती है। बेहतर सेहत के लिए पुस्तक से प्यार,लगाव व जुड़ाव अनिवार्य ही नहीं अपरिहार्य है। सचमुच में,यह अच्छी रचना है।

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  3. सही है, कितनी भी सुचना क्रांति हो, ये किताबो का सामना नही कर सकती। पुस्तके स्थायी है और बच्चे को पुस्तको के साथ दोस्ती करना सीखना हरेक अभिभावक और आदरणीय शिक्षकों की जिमेवारी है। इसके लिए कहानी, कॉमिक्स, अख़बार के साथ अपने पारंपरिक संस्कृतयो को बताने वाली किताबो को पढ़ने के लिए प्रेरित करनी चाहिए। लाइब्रेरी की भूमिका इसमें अहम् है।
    आलेख प्रेरनावादी है और गत्यात्मक है। आभार🙏🙏💐💐🌷🌷🌼🌼

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  4. पुस्तक हीं है ज्ञान प्रदाता
    यही हमारा भाग्य विधाता।
    बहुत-बहुत.....सुन्दर!

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  5. अत्यंत ज्ञानवर्धक। धन्यवाद मैम्

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  6. धन्यवाद सभी को🙏🙏🙏🙏

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  7. अत्यन्त ज्ञानवर्धक,सराहनीय कार्य

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  8. एक ज्ञानवर्धक व महत्वपूर्ण जानकारी। पुस्तकें हमारे ज्ञान सृजन में सहयोग करती हैं। आपका यह लेख इस दिशा में एक सार्थक प्रयास है। शुभकामनाओं सहित। धन्यवाद आपका।

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  9. बहुत ही सुन्दर और ज्ञानवर्धक जानकारी।

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  10. Bahut acha lagta h mam .
    Apke batye huwe raste pe chalne me

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