शिक्षक दिवस - मनु कुमारी - Teachers of Bihar

Recent

Friday 6 September 2024

शिक्षक दिवस - मनु कुमारी


गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़े खोट।

अन्दर हाथ सहार दे, बाहर बाहे चोट।।

सब धरती कागद करूँ लेखनि सब बनराय।

सात समंद की मसि करौं, गुरु गुण लिखा न जाय।।


संसार में गुरु का स्थान सर्वोपरि है।'गु' कहते हैं अन्धकार को और 'रु ' कहते हैं प्रकाश को। जो 'अज्ञान' रूपी अन्धकार को हटाकर हममें 'ज्ञान' रूपी प्रकाश भर दे उसे गुरु कहते हैं। गुरु अर्थात शिक्षक न हो तो सिर्फ बड़े- बड़े ग्रंथ से हमें कुछ हासिल नहीं होगा। शिक्षक हीं हमें डॉक्टर ,इंजीनियर ,आईएएस कलेक्टर, दरोगा, आईपीएस, वकील,आदि बनाते हैं। शिक्षक यानि कि शिक्षा, क्षमा और करुणा से युक्त ऐसे व्यक्तित्व जो हमें ना हमें सिर्फ शिक्षा देते हैं बल्कि हमें हमारे अन्दर छिपी हुई शक्तियों से हमें अवगत कराते हैं। वह हमें स्व से अवगत कराते हैं जिनसे हम स्वयं अनभिज्ञ रहते हैं।शिक्षक हमारे भाग्य विधाता होते हैं। इतिहास इसका गवाह है कि जिसने शिक्षक का सम्मान और कद्र नहीं कि वह बर्बाद हो गए। जिन्होंने थोड़ी भी अपने गुरु में श्रद्धा रखी, उनका सम्मान किया वह ऊपर उठ गए। शिक्षक हमारे उत्तम चरित्र का निर्माण करने में सहायक होते हैं। उन्हीं से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी नहीं घबराते बल्कि हर चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं। समाज और राष्ट्र सेवा तथा देश की उन्नति में शिक्षक सदा तत्पर रहते हैं।


डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक, राष्ट्रपति, शिक्षाविद, समाजसेवी थे। शिक्षा,समाज और राष्ट्र सेवा के प्रति हमेशा हीं समर्पित रहे। एक सामान्य शिक्षक से उन्होंने राष्ट्र का सर्वोच्च पद ( राष्ट्रपति) तक सफर तय कर सर्वोच्च मुकाम पर पहुँचे। इसलिए आज उनकी जयंती को हम सभी शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने भेदभाव रहित शिक्षा, राष्ट्रीय एकता, अनुशासन, शिष्टाचार, सदाचार आदि का हमें संदेश दिया। शिक्षक दिवस मनाना तभी सार्थक है जब हम उनके पदचिह्नों पर चलेंगे। शिक्षक बिना सम्मान चाहे अपने कर्तव्यों का पालन करें। सम्मान खुद बच्चे देंगे। कर्म ही पूजा है। सत्य ही ईश्वर है। हम सभी अपने अपने कर्मों को करें।



मनु कुमारी,


प्रखंड शिक्षिका 


मध्य विद्यालय सुरीगाँव


बायसी, पूर्णियाँ, बिहार

No comments:

Post a Comment