दीपावली पर मिट्टी के दीये का महत्त्व -सुरेश कुमार गौरव - Teachers of Bihar

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Thursday 31 October 2024

दीपावली पर मिट्टी के दीये का महत्त्व -सुरेश कुमार गौरव


आपको दिवाली के दिन शायद कोई भी घर ऐसा नही दिखेगा जहाँ मिट्टी का दीया न जल रहा हो और तो और किसी के घर में केवल मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं तो किसी के घर में शगुन के रूप में एक-दो मिट्टी के दीये जला ही दिए जाते हैं।


आईए, हम बातें करते हैं धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, शारीरिक और प्राकृतिक महत्त्व और इसके लाभ के बारे में।


1. मिट्टी के दीये का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व-


हिंदू संस्कृति में पंचतत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं मान्यतानुसार इसके द्वारा ही संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना हुई है। जल, वायु, अग्नि, आकाश व भूमि में पांचों पंचतत्व माने गए हैं। मिट्टी का दीया इन पांचो तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। उसके अंदर यह पांचो तत्व विद्यमान होते है। इसी कारण इसकी महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है।


ऐसी मान्यता है कि मिट्टी का दीया हमें पृथ्वी लोक व वर्तमान को दिखाता है जबकि उसमें जलने वाला तेल/घी भूतकाल व पाताल लोक का प्रतिनिधित्व करता हैं। जब हम उसमें रुई की बत्ती डालकर प्रज्ज्वलित करते हैं तो वह लौ आकाश, स्वर्ग लोक व भविष्यकाल का प्रतिनिधित्व करती है।


2. मिट्टी के दीये का आध्यात्मिक महत्त्व-


मिट्टी के दीये का आध्यात्मिक महत्व भी है। जो मन की शांति एक मिट्टी के दीये से मिलती है वह आपको इन रंग-बिरंगी रोशनी से कदापि नही मिल सकती। वह हमें सिखाता है कि किस प्रकार मिट्टी का दीया स्वयं जलकर दूसरों के जीवन को प्रकाशित करता है। यदि विश्व से बिजली समाप्त हो जाए तो यह एक प्राकृतिक तरीका है जो कभी समाप्त नही होगा।


दीपावली की काली रात में एक दीपक किस प्रकार अपने चारों ओर एक सुंदर प्रकाश को फैलाता है वह देखने लायक होता है। यदि आप दीपक को ध्यान से देखें तो मन को शांति मिलती प्रतीत होती है और चेतन मन जागृत होने का अनुभूति प्रदान करता है।


3. मिट्टी के दीये का शारीरिक महत्व और लाभ-


दिवाली ऐसे समय में आती है जब वर्षा ऋतु समापन और शरद ऋतु की शुरूआत होती है। ऐसे समय में वातावरण में कीट-पतंगे, मच्छर व अन्य जहरीले विषाणुओं की संख्या बढ़ जाती हैं। ये सभी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं तथा हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ दे जाते हैं।


दिवाली के दिन जब सरसों के तेल से मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं तो इन सभी जीवाणुओं का नाश हो जाता है व इनका प्रभाव भी कम हो जाता है। इसलिये दीपावली के दिन सभी घरों में एक साथ दीपक को प्रज्ज्वलित करने पर इन सभी कीट-पतंगों के नाश में सहायता मिलती है।


4. मिट्टी के दीये का प्राकृतिक महत्व और लाभ-


आजकल प्रकृति का दोहन बहुत बढ़ गया है लेकिन समय के साथ-साथ जब प्रकृति की चोट हम पर लगती हैं तब हमें उसका महत्व समझ आता है। अपने आप को आधुनिक मानकर जो दुनिया आगे बढ़ रही थी उसने अब अपने कदम रोक लिए हैं व वापस प्रकृति की ओर बढ़ने लगी हैं ताकि एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके।


मिट्टी ही प्रकृति है तथा इसी मिट्टी के दीये जलाने से प्रकृति को कोई हानि नहीं। यदि यह दीये टूट भी जाते हैं या इन्हें फेंकना भी हो तो इसे नदी-नहर में बहा दिया जाता हैं जिससे प्रकृति को कोई नुकसान नही होता। दूसरी ओर प्लास्टिक इत्यादि धातुओं से बनी बिजली उपकरणें या दीये पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध होते हैं।


5. मिट्टी के दीये का आर्थिक महत्व और लाभ-


मिट्टी के दीये हमारे देश के कुम्हारों के हाथों के द्वारा बनाये जाते हैं व जो रंग-बिरंगी लाइट्स/ दीये हम खरीदते हैं वह मुख्यतया चीन से ही आती है।आपको स्वतंत्र मीडिया द्वारा इसका लाभ बताया जाता है ताकि देश का पैसा देश में ही रहे। इसलिये प्रयास करना चाहिए कि अपने देश के कुम्हारों के हाथ से बने मिट्टी के दीये ही खरीदें और दीपावली इन दीयों का उपयोग कर ही मनाएँ।


इन सब लाभों के साथ मिट्टी का दीया अप्रत्यक्ष रूप से हमें कई स्वास्थ्य लाभ पहुँचाता हैं। इससे हमें शारीरिक व मानसिक दोनों लाभ मिलते हैं जैसे कि तनाव का दूर होना, चित्त का शांत होना, आध्यात्मिक बुद्धि का विकास होना, त्वचा के रोगों का दूर होना। इसलिये दीपावली के शुभ अवसर पर हमेशा अपने घर को मिट्टी के दीयों से ही प्रज्ज्वलित करने की बात होनी चाहिए।


सुरेश कुमार गौरव, उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)

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