"टीचर्स ऑफ बिहार"-शिक्षा का समर्पित पटल - Teachers of Bihar

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Monday, 20 January 2025

"टीचर्स ऑफ बिहार"-शिक्षा का समर्पित पटल


टीचर्स ऑफ बिहार एक ऐसा मंच है, जो शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है। यह केवल एक साधारण मंच नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पण, सृजन और नवाचार का प्रतीक है। इस मंच का उद्देश्य न केवल छात्रों और शिक्षकों को जोड़ना है, बल्कि अभिभावकों, शिक्षा विभाग और समाज के बुद्धिजीवियों को भी एक साझा मंच पर लाना है, ताकि शिक्षा के विभिन्न आयामों को समझा और सवाँरा जा सके।


सत्य नारायण साह: प्रेरणा का अटल स्तंभ-

टीचर्स ऑफ बिहार के संस्थापक सदस्यों में से एक सत्य नारायण साह, शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा का एक बड़ा नाम था। उनकी दूरदर्शिता और शिक्षा के प्रति समर्पण ने इस मंच को मजबूती प्रदान की। हालांकि आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके आदर्श और कार्य आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। उनका सपना था कि शिक्षा केवल एक व्यवस्था न होकर एक ऐसा माध्यम बने जो हर वर्ग और समुदाय को जोड़ सके।


बिजय बहादुर सर: पद्यपंकज और गद्यगुँजन के रचयिता-


"टीचर्स ऑफ बिहार" के स्तंभों में बिजय बहादुर सर का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। उनके द्वारा निर्मित "पद्यपंकज" और "गद्यगुंजन" खंड न केवल शिक्षकों बल्कि कवियों और लेखकों के लिए भी एक सृजनात्मक मंच हैं। उनके असामयिक निधन ने न केवल मंच को बल्कि पूरे शिक्षा-साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुँचाई है। उनकी अनुपस्थिति में भी उनकी सोच और कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य मंच के समर्पित सदस्य आज भी कर रहे हैं।


शिव कुमार सर, शिवेंद्र सुमन सर और नई पीढ़ी के नेतृत्वकर्ता:-


शिव कुमार सर के नेतृत्व में यह मंच अतीत से वर्तमान तक लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है। उनके साथ देवकांत मिश्र दिव्य, जैसे सक्रिय सदस्य शिक्षा और सृजन की इस यात्रा को सुदृढ़ बना रहे हैं। बालमन बाल शिक्षा को आगे बढ़ाने में अति सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसके सभी सक्रिय सदस्य, संपादक, तकनीकी सहयोगियों ने इस ई-पत्रिका को नई ऊँचाई प्रदान की है। बाल-शिक्षा के क्षेत्र में धीरज सर, राकेश सर की प्रतिबद्धता इस मंच को एक नई दिशा प्रदान करती है।


मंच के योगदानकर्ता: मोडरेटर्स, व्युअर्स और लेखक:


"टीचर्स ऑफ बिहार" केवल कुछ व्यक्तियों का प्रयास नहीं है। इसके पीछे मोडरेटर्स, व्युअर्स, क्रिएटर्स, लेखक, कवि और सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जो इसे जीवंत और प्रासंगिक बनाए रखते हैं। मंच पर शिक्षकों और कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाएँ न केवल प्रेरणादायक होती हैं, बल्कि शिक्षा को एक नई दृष्टि प्रदान करती हैं।


टीचर्स आफ बिहार, साझा प्रयास का केंद्र:-


"टीचर्स ऑफ बिहार" की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सभी को एक समान दृष्टि से देखता है। यह मंच न केवल शैक्षिक विचारों का आदान-प्रदान करता है, बल्कि सृजन और नवाचार को भी प्रोत्साहित करता है। यहाँ हर विचार को महत्व दिया जाता है और हर पहल का स्वागत किया जाता है।


वर्तमान चुनौतियाँ और आगे का रास्ता:-

हालांकि सत्य नारायण साह और बिजय बहादुर सर जैसे स्तंभों की अनुपस्थिति में चुनौतियाँ बड़ी हैं, लेकिन इस मंच का संकल्प अडिग है। यह मंच हमें यह सिखाता है कि जब लक्ष्य शिक्षा और समाज की भलाई हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।


निष्कर्ष:


"टीचर्स ऑफ बिहार" एक ऐसा परिवार है, जो शिक्षा को केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक आंदोलन के रूप में देखता है। यह मंच उन सभी को आमंत्रित करता है, जो शिक्षा और सृजन के प्रति समर्पित हैं। आज समय की मांग है कि हम सब इस मंच को और मजबूत करें और इसे नई ऊँचाइयों तक ले जाएँ।

यह मंच केवल एक पटल नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आइए, इसे और सशक्त बनाएँ और शिक्षा के प्रकाश को हर कोने तक पहुंचाएँ।

आशा है, यह आलेख आपके विचारों के अनुरूप लिखने व प्रस्तुत करने में बहुत सारी बातें और प्रेरणा संदेश छूट गए हों। परंतु यह मंच आने वाले कल में शिक्षा, शिक्षक और अभिवावकों व समाज में शिक्षा के विकास और शिक्षा का अलख जगाने में मिल का पत्थर साबित होगा। मैं "टीचर्स आफ बिहार" के सरकारी पक्ष के पदाधिकारियों और कर्मियों का भी धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन्होंने इसे पुष्पित व पल्लवित करने में इस मंच को काफी प्रोत्साहन दिए और आगे बढ़ने में अपनी ओर से महती भूमिका भी निभाई। मैं "टीचर्स आफ बिहार" के सभी प्रणेताओं, व्यवस्थापकों, समन्वयकों सदस्यों जिला टीम से लेकर कोर ग्रुप सहित बिहार के सभी शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों सहित सरकारी स्तर पर सहयोग और प्रोत्साहन करने वाले पदाधिकारीगण भी कोटिश: धन्यवाद के पात्र हैं। इस मंच से जुड़ें सभी सदस्यों की लगनशीलता भी इस मंच को नई दिशा प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।


 


सुरेश कुमार गौरव 'शिक्षक'

उ. म. वि. रसलपुर 

फतुहा, पटना (बिहार)

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