आइस ब्रेक एवं बच्चों की शिक्षा-अरविंद कुमार - Teachers of Bihar

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Monday 14 December 2020

आइस ब्रेक एवं बच्चों की शिक्षा-अरविंद कुमार

आइस ब्रेक एवं बच्चों की शिक्षा

          हम अपने किसी काम को प्रारंभ में तो उत्सुकता से करते हैं परंतु धीरे-धीरे वही काम हमें बोझिल लगने लगता है। हम उस कार्य से उब़ने लगते हैं। यहाँ तक कि अपनी रुचि के कार्य भी हमें कुछ समय पश्चात उबाऊ प्रतीत लगते हैं। लिहाजा अपने विशेष कार्य के संपादन के पश्चात हमें दूसरे किसी कार्य, मनोरंजन अथवा खेल की जरूरत महसूस होती है। बहुत बार हम अपने कार्यालय या रोजमर्रा के कार्यों से उब जाने के पश्चात किसी यात्रा पर निकल पड़ते हैं परंतु वह यात्रा भी कुछ समय पश्चात हमें खटकने लगती है। उब आने लगती है।अतः यह कहना पूरी तरह से उचित होगा कि मानव स्वभाव ही एकरसता से ऊब जाना होता है। फिर बच्चे तो बच्चे हीं हैं, उनका तो स्वभाव ही चंचलता है। उनके तो अंतःकरण में नटखटपन भरा पड़ा है। यानी कक्षा शिक्षण में बच्चे खासकर छोटे बच्चे बहुत जल्दी ही पढ़ाई से ऊब जाते हैं और वह शरीर से तो कक्षा में होते हैं परंतु मन से वे कहीं और खोए होते हैं। उनका ध्यान जल्दी क्लास खत्म कर खेलने अथवा घर जाने के सोच में डूबा हो सकता है या कुछ खाने का जी भी हो सकता है। इस परिस्थिति में इस ओर से मुक्त कर बच्चे को पाठ की तरफ ध्यान आकृष्ट कराने के निमित्त प्रयुक्त गतिविधियााँ "मैं हूं आइस ब्रेकिंग कला" का इस्तेमाल भी किया जाता है।
          दरअसल आइस ब्रेकिंग का सामान्य अभिप्राय मनःपटल पर छाए तंद्रा रूपी बर्फ को पिघलाने से है। जब कक्षा शिक्षण में बच्चे शिक्षण के कुछ मिनटों पश्चात तंन्द्रा में चलकर शिक्षण कार्य से अलग सोचने लगते हैं तो उसी को खत्म कर ध्यान शिक्षण के दिशा में लाने के लिए आइस ब्रेकिंग एक्टिविटी का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी रोचकता शिक्षण कार्य के प्रति ध्यान आकृष्ट कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
          आइस ब्रेकिंग के कई तरह के उदाहरण हो सकते हैं- जैसे एक हिंदी और एक अंग्रेजी की गिनती को तेजी से बुलवाया जाना, जन्मदिन के माह के अनुसार समूह निर्माण एवं समूह के अनुसार कार्य का बँटवारा, उल्टी गिनती का गिना जाना, किसी गतिविधि के द्वारा प्रारंभिक बैठने के स्थान के बदले बच्चे को दूसरे जगह बैठाया जाना, त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज या अन्य किसी आकृति में बच्चों का बैठाया जाना। इस प्रकार अपनी क्षमता एवं बच्चों के वर्ग के अनुसार पाठ से इतर गतिविधि कराकर एवं प्रश्न प्रस्तुत कर उन्हें पाठ के विषय वस्तु पर लाया जा सकता है एवं कक्षा शिक्षण की रोचकता में आ रही कमी को आइस ब्रेकिंग प्रक्रिया अपनाकर रुचिकर बनाया जा सकता है।


अरविंद कुमार
 प्रधानाध्यापक
 गौतम मध्य विद्यालय न्यू डिलिया  डेहरी रोहतास

1 comment:

  1. Valuable msg for teachers who are ready to instruct their students.


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