Wednesday, 31 March 2021
New
कैच अप कोर्स क्या क्यों कैसे-विजय सिंह नीलकण्ठ
कैच अप कोर्स क्या क्यों कैसे
कोरोना की महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन शुरू हुआ जो गत वर्ष मार्च माह से शुरू होकर लगातार चलते रहा। जून से धीरे-धीरे लॉकडाउन कम हुआ लेकिन विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई आठ मार्च से शुरू हुई जिससे बच्चों का विद्यालय आना बंद हो गया था और पूरे एक वर्ष की पढ़ाई ठप पड़ गई। वैसे अनेक नेटवर्किंग साइट के माध्यम से शिक्षा विभाग के साथ-साथ टीचर्स ऑफ बिहार ने भी बच्चों की पढ़ाई को सतत जारी रखने का काम किया था जिसका नाम SOM रखा गया है लेकिन सभी बच्चों की पहुंच टीवी या मोबाइल तक नहीं होने के कारण उनकी कक्षाओं की पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी। समय के साथ-साथ बच्चों को अगली कक्षा मैं प्रोन्नत करने का निर्णय लिया गया जिसके छूटे कोर्स को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग ने एक ऐसा कोर्स तैयार किया जो मात्र साठ कार्य दिवस में अर्थात अगली कक्षा के शुरू होने के तीन माह तक बच्चों को पिछली कक्षा के विषयों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए जो कोर्स तैयार की गई है उसे ही कैच अप कोर्स कहते हैं। इसमें कक्षा दो से नवम वर्ग के छात्र-छात्राओं को पिछली कक्षा के सभी विषयों की संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी जिससे बच्चों को उस कक्षा के विषय का ज्ञान भी हो जाएगा और उसे ऐसा नहीं लगेगा कि बिना पढ़े अगली कक्षा में प्रवेश मिल गई।
यह कोर्स इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे बच्चों की छूटी हुई पढ़ाई की भरपाई भी हो जाएगी और उनमें अगली कक्षा के विषयों को पढ़ने की उत्सुकता भी जगेगी और खुशी भी मिलेगी। अब प्रश्न उठता है कि इस कोर्स को कैसे करवाया जाए? इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालय के सभी कक्षाओं के सभी विषयों के शिक्षकों को एक दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण भी दिलवाई है जिसमें इस कोर्स को बच्चों तक कैसे पहुंचाया जाए अर्थात बच्चों को पिछली कक्षा के विषयों का कैसे ज्ञान कराया जाए जिसे सभी शिक्षकों ने जाना है और अप्रैल से अगली कक्षा में उसे पूरा किया जाएग।
हमारे विद्यालय में हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, बंगला, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई होती है। कक्षा पांच तक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान एक ही पुस्तक में होते हैं लेकिन कक्षा छः से दोनों अलग -अलग हो जाते हैं। इन्हीं सब विषयों की जानकारी इस कोर्स में दी जाएगी। इन विषयों से जुड़ी संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है जिसे बच्चों को पढ़ाया जाना है।
हिंदी विषय में कक्षा दो से पांच तक के बच्चों में मौखिक भाषा का विकास, प्रिंट चेतना का विकास, चित्र का अवलोकन एवं अभिव्यक्ति, अक्षरों की आकृति एवं ध्वनि पहचान, घटना एवं परिवेश को बता पाने की क्षमता इत्यादि का विकास करना है। कक्षा छः से दस तक के बच्चों को कल्पना क्षमता का विकास, रचनात्मकता, मौलिकता, विचारों की क्रमिक अभिव्यक्ति तथा मनोभावों की पहचान एवं अभिव्यक्ति से परिचित कराया जाएगा साथ ही बच्चों को साहित्य की सभी विधाओं की जानकारी दी जाएगी जिसमें कहानी, कविता, निबंध, पत्र, डायरी लेखन, संस्मरण, यात्रा वृतांत, साक्षात्कार, व्यंग्य, जीवनी, रिपोर्ताज आदि से जुड़े पाठों की जानकारी दी जाएगी।
अंग्रेजी में कक्षा दो से पांच तक के बच्चों को अंग्रेजी और हिंदी में अपना परिचय देने की बात सिखाई जाएगी तथा क्रिया से जुड़े शब्दों को समझाया जाएगा जिसमें उनकी अभिव्यक्ति दिखाई जाएगी जो शरीर के हाव-भाव पर आधारित होगा। पुनः छोटे-छोटे शब्दों का उच्चारण, पठन, कविता का पाठ लयबद्ध तरीकों से करवाया जाएगा। तस्वीर देखकर उसके बारे में बातें पूछी व बताई जाएगी तथा अल्फाबेट के साथ-साथ छोटे-छोटे और सरल शब्दों और वाक्यों की जानकारी दी जाएगी। कक्षा छः से दशम तक के बच्चों को अंग्रेजी में बातचीत करना सिखाया जाएगा और कई प्रकार के टैक्स को करवाया जाएगा जिसका स्रोत अलग-अलग होगा। इसके अलावा अनुच्छेद, निबंध, पत्र, आवेदन पत्र, टेलीग्राम, वार्तालाप इत्यादि लिखवाई जाएगी। डिबेट, स्पीच और इंटरव्यू में भाग लेकर अंग्रेजी में बोलने की क्षमता का विकास करवाया जाएगा। दिए गए अनुच्छेद, गद्यांश और पद्यांश को पढ़कर उससे जुड़े प्रश्न-उत्तर कैसे तैयार की जाए की भी जानकारी दी जाएगी।
हिंदी-अंग्रेजी की तरह अन्य भाषाओं से जुड़े विषयों की भी जानकारी इसी तरह दी जाएगी। पुनः गणित में प्राथमिक स्तर पर संख्याओं से जुड़ी अनेक प्रकार की जानकारी दी जाएगी तथा समय देखना और बताना इत्यादि सिखाया जाएगा। उच्च प्राथमिक स्तर पर संख्याओं का वर्गीकरण, ज्यामितीय आकृतियों के प्रकार, उनका परिमाप और क्षेत्रफल इत्यादि बताया जाएगा। आंकड़ों का प्रबंधन, राशियों की तुलना, बीजीय व्यंजक, भिन्न, दशमलव भिन्न, प्रतिशतता इत्यादि एवं माध्यमिक स्तर पर संख्या पद्धति, गुणनखंड, समीकरण, ज्यामितीय रचनाएँ, प्रायिकता इत्यादि बताई जाएगी।
विज्ञान विषय में सजीव-निर्जीव तथा पेड़-पौधों की दुनिया से जुड़े पाठों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा गुरुत्व और गुरुत्वाकर्षण के अंतर को बताया जाएगा जो उच्च प्राथमिक प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए है। इसी तरह सामाजिक अध्ययन के अंतर्गत प्राथमिक कक्षा के बच्चों को अपने आस-पास स्थित वस्तुओं की जानकारी दी जाएगी जिससे वे पहले से परिचित रहते हैं। उच्च प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को परिवार और मित्र, आवास, भोजन, जल, यात्रा, वस्तुओं का निर्माण एवं उपयोग करने की कला सिखाई जाएगी। आपदा प्रबंधन, यातायात सुरक्षा जैसे अध्याय आठवीं और नौवीं कक्षा के बच्चों को बताई जाएगी। उच्च प्राथमिक कक्षा के बच्चों को इतिहास, भूगोल और नागरिक जीवन की संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी जिसमें आदि काल से वर्तमान काल तक के घटनाओं की जानकारी दी जाएगी। उपरोक्त बातों के अलावा भी बहुत सी बातें बताई गई है जिसके आधार पर कैच अप कोर्स को बच्चों तक पहुँचाना है जिसे प्रशिक्षण में पूरी तरह बताई गई है।
इस तरह कैच अप कोर्स से पिछली कक्षा के विषयों के पाठों की जानकारी बच्चों को मिल जाएगी जिससे उसके पढ़ाई की भरपाई भी हो जाएगी और वे खुशी-खुशी अगली कक्षा के विषयों के पाठों को पढ़ने के लिए तैयार हो जाएंगे।
विजय सिंह नीलकण्ठ
संपादक टीचर्स ऑफ बिहार
About ToB Team(Vijay)
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
ToBBlog शैक्षणिक
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत ही शानदार आलेख कैच आप कोर्स के बारे में।
ReplyDeleteइस ज्ञानवर्धक व सारगर्भित लेख के लिए हृदय तल से बधाई आदरणीय